गर्भवती होने पर महिला को अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य की भी देखभाल करनी होती है, लेकिन आर्थिक और कई अन्य कारणों से महिलाएं ऐसा नहीं कर पातीं, जिससे गर्भ में पल रहे शिशु के साथ-साथ खुद उनकी सेहत के लिए खतरा पैदा हो जाता है। आर्थिक रूप से कमजोर कामगार महिलाओं की स्थिति तो और भी ज्यादा शोचनीय है। न तो उन्हें पर्याप्त पोषण ही मिल पाता न ही पूरा आराम। आर्थिक और सामाजिक दबाव के कारण उन्हें गर्भावस्था के अंतिम दिनों तक परिवार के लिए आजीविका कमानी पड़ती है। महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त आराम और आर्थिक सहायता मिले, इसके लिए भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मातृ वंदना (पूर्व में मातृत्व सहयोग योजना )योजना चलाई जा रही है। यह योजना विशेषकर गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लाभ के लिए है।
योजना: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, भारत सरकार
योजना का मकसद : कामगार महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना।
कौन है पात्र
इस योजना के तहत वहीं महिलाएं पात्र हैं, जो केंद्र अथवा राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक उपक्रम में नियमित रूप से रोजगार नहीं कर रही हैं या सरकार द्वारा चलाई जा रही महिलाओं से जुड़ी किसी योजना का लाभ नहीं ले रही हैं।
योजना का उद्देश्य
कामगार महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना
उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना।
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना।
क्या है योजना
योजना का सीधा सा लक्षय सिर्फ इतना है कि गर्भवतियों को पौष्टिक आहार के लिए उनके बैंक खाते में सीधे सहायता राशि भेजी जाए। सहायता राशि की मदद से मां भी पोषण आहार ले और गर्भ में पल रहा शिशु भी कुपोषण से बचा रहे।
कितनी राशि मिलेगी
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन दोनों योजनाओं से पहली बार गर्भवती होने वाली ग्रामीण महिला के खाते में कुल 6400 रुपये व शहरी गर्भवती के खाते में कुल 6000 रुपये पहुंचेंगे।
पात्र गर्भवती महिलाओं को पहली किस्त में एक हजार रुपये गर्भावस्था के 150 दिनों के अंदर पहुंच जाएंगे।
दूसरी किस्त में 2000 रुपये 180 दिनों के अंदर व तीसरी किस्त में 2000 प्रसव के बाद व शिशु के प्रथम टीकाकरण चक्र पूरा होने पर मिलेंगे।
कैसे करें आवेदन
इन योजनाओ का लाभ लेने के लिए अपने नजदीक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवतियों को अपना आधार व खाता नंबर देना होगा। योजना संबंधी जानकारी के लिए क्षेत्रीय आशा, आगंनबाड़ी से भी संपर्क किया जा सकता है। योजना का लाभ तीन किश्तों में मिलेगा, जिसमें लिए फार्म 1ए 2बी 3सी भरने होंगे यह फार्म संबंधित केंद्र पर उपलब्ध हैं। सहायता राशि पाने के फार्म उसी केंद्र पर जमा कराने होंगे। स्वास्थ्य केंद्र या फार्म भरवाने वाली संस्था लाभार्थी को भविष्य में लाभ के लिए एक पावती स्लिप देगा।
कौन से दस्तावेज चाहिए
- एमसीपी कार्ड
- माता-पिता का आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- तीसरी किश्त के लिए पैदा हुए बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.