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आप अकेली भी अपराधियों को पहुंचा सकती हैं सलाखों के पीछे

Published - Fri 03, May 2019

घरेलू हिंसा हो, छेड़खानी या शारीरिक उत्पीड़न। अक्सर महिलाएं शिकायत करने से कतराती हैं। इसका बड़ा कारण कानून की पूरी जानकारी न होना और सामाजिक डर होता है। उनके इस डर के कारण अपराधियों को और हौसला मिलता है और वह कोई बड़ी घटना को अंजाम दे देते हैं। डरती रहेंगी, तो काम नहीं चलेगा। फोन घुमाइए, मदद आपके पास होगी।

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शिकायत करना आसान है
अगर आप किसी आपात स्थित में फंसी हैं, तो तुरंत  100 नंबर डायल करें। मदद आप तक पहुंच जाएगी। अगर आप एफआईआर दर्ज कराना नहीं जानतीं, तो घबराइए नहीं। अपनी क्षेत्र के थाने में जाइए। घटना की जानकारी पुलिस को बताइए। अगर आप किसी अपराध से पीड़ित हैं, तो जरूरी नहीं कि आपको ही थाने जाना पड़ेगा। कानून कहता है कि रिपोर्ट पीड़िता, अपराध के साक्षी, पुलिस अधिकारी अथवा अपराध की जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई जा सकती है । जब आप एफआईआर दर्ज करा देंगी, तो पुलिस मामले की जांच करने के लिए बाध्य होगी और आपको न्याय भी मिल जाएगा।

एफआईआर दर्ज के लिए मना नहीं कर सकती पुलिस
अगर आपको अपने क्षेत्र के थाने के विषय में जानकारी नहीं हैं, तो किसी भी नजदीकी थाने में जाकर आप एफआईआर दर्ज करा सकती हैं। कोई भी पुलिस अधिकारी एफआईआर दर्ज करने से मना नहीं कर सकती।

छेड़छाड़, अश्लीलता को क्यों सहना

आते-जाते महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। छेड़खानी से लेकर अश्लील फब्तियां तक कसी जाती हैं। मनचले महिलाओं के लिए अश्लीलशब्दों का प्रयोग करते हैं और ऐसा अश्लील गीत गुनगुनाते हैं, जो सभ्यता के दायरे में नहीं आता। अगर ऐसी दिक्कतों का सामना आपको भी करना पड़ता है, तो डरिए नहीं आवाज उठाइए। महिलाओं से अश्लीलता करना कानूनन अपराध है।

क्या है कानून
सार्वजनिक स्थल जैसे- बस स्टैंड, बाजार आदि पर महिलाओं के निकट अश्लील गीत गुनगुनाने या अश्लील शब्द बोलने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के तहत सजा का प्रावधान है।

कितनी सजा
दोषी पर अपराध सिद्ध होने पर धारा 294 के तहत आरोपी को तीन माह की कैद अथवा जुर्माना दोनों हो सकता है।