देखा जाता है कि कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाएं यौन उत्पीड़न का शिकार हो जाती हैं। ऑफिस, फैक्ट्री, दुकान या ऐसा कोई भी स्थल जहां महिला आजीविका कमाने के लिए जाती हैं, वहां अगर उनका शारीरिक शोषण हो रहा है, तो उसे सहन नहीं किया जाए। कानून में कार्यस्थल पर शोषण या यौन उत्पीड़न अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या है कानून
कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 में प्रत्येक महिला के इस अधिकार को मान्यता दी गई है कि उसे नियोजन/कार्य स्थिति को ध्यान में रखे बिना कार्यस्थल पर सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्राप्त हो ।
जानिए यौन उत्पीड़न क्या है?
- किसी प्रकार का अस्वीकार्य शारीरिक संपर्क।
- यौन संबंध बनाने की मांग या अनुरोध।
- अश्लील व्यवहार।
- अश्लील इशारे या टिप्पणी।
- छेड़खानी।
- अश्लील साहित्य दिखाना।
- यौन प्रकृति का कोई अन्य अस्वीकार्य शारीरिक, मौखिक अथवा गैर-मौखिक आचरण।
ये भी यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है
महिला को जबरन यौन संबंध बनाने के लिए राजी करना और बदले में उसे स्पष्ट या अस्पष्ट लाभ पहुंचाना।
यौन संबंध न बनाने पर नौकरी से हटाने की धमकी देना।
महिला को अपमानित करना या उसके साथ दुर्व्यवहार करना।
कार्यस्थल पर डराने वाला या घृणास्पद, भयभीत करने वाला या प्रतिकूल वातावरण बनाना।
महिला के साथ इस हद तक अपमानजनक व्यवहार करना, जिससे महिला के स्वास्थ्य अथवा सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े।
कौन आता है दायरे में
- किसी कार्यस्थल पर कार्य करने वाली अथवा उस कार्यस्थल पर जाने वाली सभी महिलाएं शामिल हैं, चाहे वे नियमित, अस्थायी, तदर्थ अथवा दैनिक मजदूरी के आधार पर कार्य करती हों ।
- घरेलू नौकरानियों के रूप में कार्य करने वाली महिलाएं और संपूर्ण असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाएं भी शामिल हैं।
- यह अधिनियम शैक्षणिक संस्थाओं पर भी लागू होता है ।
कौन कर सकता है शिकायत
पीड़िता स्वयं शिकायत कर सकती है।
शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम है, तो महिला के सगे-संबंधी, मित्र, सहकर्मी, विशेष शिक्षक।
राष्ट्रीय महिला आयोग अथवा राज्य महिला आयोग का अधिकारी।
घटना की जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति, पीड़िता की लिखित सहमति से।
यदि पीड़िता की मृत्यु हो गई हो, तो घटना की जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति महिला के कानूनी उत्तराधिकारी की लिखित सहमति से।
महिला का कानूनी उत्तराधिकारी।
कहां करें शिकायत ?
दस या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संगठन या कार्यालय में बनी आंतरिक शिकायत सीमित से।
यदि शिकायत कंपनी या कार्यालय के मालिक या नौकरी देने वाले के खिलाफ है और आंतरिक समिति गठित नहीं है, तो क्षेत्रीय स्थानीय शिकायत समिति से।
केंद्र सरकार के किसी मंत्रालय/विभाग/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/संबद्ध कार्यालय आदि में यौन उत्पीड़न से ग्रस्त महिलाएं शी-बॉक्स नामक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली का उपयोग कर सकती हैं ।
सीधे पुलिस से भी शिकायत की जा सकती है।
शिकायत कैसे करें?
- पीड़िता घटना के तीन महीनों के अंदर अपनी शिकायत स्थानीय, आंतरिक समिति में शिकायत दर्ज करा सकती है।
- अधिनियम के अंतर्गत संपर्क अधिकारी, नोडल अधिकारी, स्थानीय शिकायत समिति सदस्य अथवा जिला अधिकारी के पास जाकर शिकायत करें।
- पीड़िता के अनुरोध पर अधिनियम में समझौते का भी प्रावधान है।
- शिकायत समिति को 90 दिन में शिकायत की जांच पूरी करनी है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.