काउंसिलिंग शिविर में काउंसलर डॉ. पूनम बत्रा ने छात्राओं को सिखाया कैसे गुस्से और तनाव पर काबू पाएं, श्री राम कटोरी वार्ष्णेय कन्या इंटर कॉलेज में आयोजित शिविर में 170 छात्राओं ने लिया हिस्सा, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के भी उपाय बताए, छात्राओं की शंकाओं का भी समाधान किया
अलीगढ़। परिस्थिति कैसी भी हो, उसका डटकर सामना करें। ऐसा तभी संभव है, जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनेंगी। इसके लिए अपने तनाव और गुस्से पर काबू करना सीखें। गुस्सा आने पर एक गिलास पानी पीएं, खुद से पांच बार कहें... शांति, शांति और फिर कुछ अलग काम करने लग जाएं। क्योंकि कठिनाइयां ही आपको मजबूत बनाती हैं। अपराजिता बनने के लिए अपनी चुप्पी तोड़ें और खुलकर बोलें। ये बातें शनिवार को सासनीगेट स्थित श्री राम कटोरी वार्ष्णेय कन्या इंटर कॉलेज की कक्षा नौ और 11 की 170 छात्राओं की काउंसिलिंग करते समय काउंसलर डॉ. पूनम बत्रा ने कहीं।
इस काउंसिलिंग शिविर का आयोजन अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत किया गया था। शुरूआत काउंसलर डॉ. पूनम बत्रा ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की जानकारी देते हुए की। उन्होंने बताया कि अपने आप को और घर को स्वच्छ रखें। गंदगी में न जाएं। खांसी, जुकाम, बुखार वाले व्यक्ति के संपर्क में न आएं। अगर महसूस हो कि सामने वाला बीमार है तो उसे भी साफ-सफाई के लिए प्रेरित करें और एकांतवास की सलाह देते हुए उपचार कराने के लिए कहें। कार्यक्रम में भावना, महिमा गुप्ता व नेहा कुमारी की शंकाओं का समाधान करते हुए उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के लिए खुद को मजबूत बनाएं। पर्स में मिर्च पाउडर, स्प्रे, ब्लेड या छोटा सा चाकू रखें। उन्होंने कहा कि ईश्वर में विश्वास करना चाहिए, लेकिन पढ़ाई का समय कम नहीं करना चाहिए। सुबह पढ़ाई करें और रात को समय पर सोएं। दैनिक दिनचर्या में नाश्ता ज्यादा करने की सलाह दी। दोपहर का भोजन कम और रात का उससे भी कम करने के लिए कहा। शिविर में अन्य छात्राओं ने भी खुलकर अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। उनकी हर शंका का समाधान किया गया। इस मौके पर प्रधानाचार्य ललिता वार्ष्णेय, शिक्षिका सीमा गुप्ता, कमला गुप्ता, प्रतिभा गुप्ता, सरस्वती, रक्षिता, शालिनी, कल्पना, दीक्षा मौजूद रहीं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.