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सावधनियां ही कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र विकल्प

Published - Thu 19, Mar 2020

अमर उजाला की ओर से अपराजिता १०० मिलियन स्माइल्स के तहत मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों से संवाद

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अयोध्या। पूरा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में है। इसके बचाव के लिए व्यक्ति विशेष की ओर से बरती जाने वाली सावधानियां ही एकमात्र विकल्प हैं। कोरोना वायरस से संबंधित लक्षण मिलने पर छिपाने के बजाय इसे सार्वजनिक करते हुए चिकित्सकों से संपर्क करने की जरूरत है। यह बातें मंगलवार को अमर उजाला की ओर से अपराजिता १०० मिलियन स्माइल्स के तहत राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज गंजा में आयोजित संवाद में चिकित्सक व एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने कही।

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि हवा से कोरोना का वायरस नहीं फैलता है। इसलिए आम लोगों को अस्पतालों में अनायास भीड़ बढ़ाने की जरूरत नहीं है ना ही बेवजह मॉस्क व सेनेटाइजर का उपयोग करने की आवश्यकता है। जब तक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में सामान्य व्यक्ति नहीं आएगा, उसे इसका प्रकोप नहीं हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार इससे बचने के लिए जरूरी है कि लोग हाथ मिलाने, गले लगने व बिना कार्य के किसी को वस्तु को छूने से परहेज करें। खांसी, जुखाम, बुखार आने पर चिकित्सकों से राय लें। साफ-सफाई पर पूरा ध्यान रखें। हाथों की हर घंटे साबुन या सैनिटाइजर से साफ करें। खांसी आने पर बलगम टिशू पेपर पर रखकर पॉलीथिन में फेंके। कार्यक्रम में चिकित्सकों ने शपथ भी लिया।

हर घंटे ब्लीचिंग पाउडर के घोल से पोछा जरूरत : प्रो विजय कुमार

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विजय कुमार ने कहा कि घर से लेकर तमाम सार्वजनिक स्थलों एवं जहां भी किसी के हाथ लगाने की आशंका हो प्रत्येक जगह एक-एक घंटे पर मापिंग की जरूरत है। घरों में भी लोगों को सोडियम हाइपो क्लोराइड अथवा ब्लीचिंग पाउडर के घोल के साथ पोछा लगाना चाहिए। वायरस को तीसरे स्टेज पर ही समाप्त करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सतर्क होने व सावधानियां बरतने की जरूरत है। -डॉ विजय कुमार, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज

मांस को लेकर अफवाहों से बचें

शुरुआती दौर में कोरोना वायरस जानवरों से मानव में प्रवेश किया था, लेकिन मौजूदा समय में ये मानव से मानव के शरीर में प्रवेश कर रहा है। इसलिए लोगों को मांस खाने पर संक्रमण की अफवाहों से बचने की जरूरत है। यह बीमारी ईरान व इटली के रास्ते देश में आई है। संदिग्धों के आसपास के लोगों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। ऐसे मरीजों के संपर्क में आने पर डॉक्टरों से संपर्क करें। - डॉ पीयूष गुप्ता, नोडल कोरोना वायरस मेडिकल कॉलेज

यात्रा करने वाले रखें विशेष ध्यान

बाहर से यात्रा करके आने वाले लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। कोरोना वायरस से संबंधित किसी प्रकार की समस्या होने पर घबराने व छिपाने की जरूरत नहीं है, तत्काल चिकित्सकों से संपर्क करते हुए आवश्यक सावधानियां बरतें। अब तक कुल संक्रमित करीब ११९ मरीजों में से १४ डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसलिए इससे अधिक डरने की जरूरत नहीं है। - डॉ स्नेहांशु शुक्ला

मीडिया के माध्यम से जागरुकता जरूरी

कोरोना वायरस को लेकर लोग अत्यधिक भयभीत हैं, इसके लिए मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। सरकार इसको लेकर बेहतर प्रयास कर रही है। अधिक से अधिक लोगों के स्क्रीनिंग की जरूरत है। ताकि स्टेज तीन तक ही इसे समाप्त कर दिया जाय। - गौतम विजय गुप्ता, मेडिकोज

बचाव के साथ सही रिपोर्टिंग आवश्यक

कोरोना से बचने के लिए सावधानियां ही एकमात्र विकल्प है। सभी सावधानियां बरतते हुए लक्षण मिलने पर सही रिपोर्टिंग आवश्यक है। वैक्सीन का ट्रायल भी शुरू हो गया है। शीघ्र ही मार्केट में इससे बचने के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध होगी। इसलिए अधिक भयभीत होने की जरूरत नहीं है। -डॉ सलिल श्रीवास्तव, फार्माकोलॉजी

अधिक जरूरी हो तभी घर से निकलें

आत्म सुरक्षा से ही कोरोना से बचा जा सकता है। इसके लिए प्रत्येक इंसान को जागरूक होना जरूरी है। लोगों को अधिक आवश्यकता होने पर ही घर से निकलना चाहिए। कोशिश करें कि अधिकांश कार्य घर से ही निपटाएं। किसी प्रकार के लक्षण नजर आने पर इसे छिपाए नहीं और इलाज करायें। -डॉ अल्का सिंह, विभागाध्यक्ष एनाटॉमी

हॉस्पिटल में न बढ़ाएं भीड़

कोरोना को लेकर अफवाहें अधिक फैलने से इन दिनों अस्पतालों में मरीजों की अनावश्यक भीड़ है। इसे कम करने की जरूरत है। यदि इस बीमारी से संबंधित किसी प्रकार के लक्षण नजर आएं तभी अस्पताल जाएं। -डॉ रीना शर्मा, विभागाध्यक्ष गायनी

संदेह होने पर परिवार से बनाएं दूरी

हॉस्पिटल में अनावश्यक पहुंचने पर संक्रमण बढऩे की और संभावना है। इसको लेकर मानसिकता बदलने की जरूरत है। किसी भी व्यक्ति को संदेह होने पर सबसे पहले परिवार से दूरी बनाते हुए हॉस्पिटल में संपर्क किया जाय। - डॉ पारस, विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी

मेडिकल कॉलेज में स्थापित है आइसोलेशन वार्ड

मेडिकल कॉलेज में इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं। इसको लेकर आइसुलेशन वार्ड बनाया गया है। यह एक वायरल बीमारी है। यह संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से होती है। अधिक से मापिंग कराते हुए साफ-सफाई पर बेहतर ध्यान रखने की जरूरत है। - हिमांशु रंजन राय, मेडिकोज

लापरवाही पड़ सकती है भारी

कोरोना वायरस को लेकर पैनिक होना जरूरी है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। बचाव के लिए लोग गर्म पानी पियें, वातानुकूलित क्षेत्र में न बैठें, साबुन व स्प्रिट से हाथ धुलें। सिर्फ संदिग्ध व्यक्ति या संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में रहने वाले लोगों को मॉस्क की जरूरत है। - किशन उपाध्याय, मेडिकोज