ओवेरियन कैंसर को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। यह इतना घातक होता है कि इसके आखिरी स्टेज तक भी इसके लक्षणों का पता लगाना मुश्किल होता है। लेकिन स्वीडन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ब्लड टेस्ट का विकास किया है जो ओवेरियन कैंसर को डिटेक्ट करता है।
महिलाओं में ओवेरियन कैंसर को बेहद खतरनाक माना जाता है। ओवेरियन कैंसर को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। यह इतना घातक होता है कि इसके आखिरी स्टेज तक भी इसके लक्षणों का पता लगाना मुश्किल होता है। लेकिन स्वीडन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ब्लड टेस्ट का विकास किया है जो ओवेरियन कैंसर को डिटेक्ट करता है। यह टेस्ट खून में मौजूद 11 प्रोटीन का विश्लेषण करता है। यह टेस्ट उन महिलाओं का पहचान करने में भी मदद करेगा, जिनमें अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान शरीर में असामान्यताएं मिलती हैं। कई मामलों में तो इसकी जांच के लिए महिलाओं को सर्जरी तक करवानी पड़ती है। लेकिन इस ब्लड टेस्ट के आने के बाद अब ओवेरियन कैंसर का पता लगाने के लिए ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं है।
क्या है ओवेरियन कैंसर?
ओवेरियन यानी यूटेरस कैंसर में यूटेरस यानी अंडाशय कैंसर में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाती हैं। इस कैंसर से ग्रसित महिलाओं को गर्भधारण में समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं ओवरियरन कैंसर में गर्भाशय और ट्यूब्स डैमेज होने लगती हैं। डिंबग्रंथि कैंसर से मतलब है कि अंडाशय में किसी भी तरह के कैंसर का विकास। डिंबग्रंथि का कैंसर अधिकांशत: अंडाशय की बाहरी परत से पैदा होता है। सबसे आम तरह के डिंबग्रंथि कैंसर को एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (ईओसी) कहा जाता है। इसके अन्य प्रकार हैं- ओवेरियन लो मैलिगनेंट पोटेंशियल ट्यूमर (ओएलएमपीटी), जर्म सेल ट्यूमर और सेक्स कॉर्ड-स्ट्रोमल ट्यूमर।
प्रोफेसर उल्फ गायलिनस्टेन कहते हैं, 'ओवेरियन कैंसर की शुरुआती जांच के लिए स्क्रीनिंग पर विचार करने के लिए हमारे परिणाम काफी आशाजनक हैं। इस कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए एक नई रणनीति विकसित करने की जरूरत है, जिसकी मदद से कई जानें बचाई जा सकेंगी और ओवेरियन कैंसर का पता लगाने के लिए सर्जरी करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।'
वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ गुटेनबर्ग के प्रफेसर करिन के अनुसार, 'एक कैंसर का पता लगाने के लिए हमें 5 महिलाओं तक के ऑपरेशन या सर्जरी करनी पड़ती है। जब अल्ट्रासाउंड स्कैन द्वारा शरीर में असामान्यताओं का पता चलता है और कैंसर होने का संदेह होता है तो उस स्थिति में वर्तमान में यही (ऑपरेशन) सबसे सही विकल्प है। लेकिन अब एक ऐसे ब्लड टेस्ट की वाकई जरूरत है जो उन महिलाओं का पता लगा सके, जिन्हें सर्जरी की जरूरत नहीं है।' गौरतलब है कि अमेरिका में हर साल 7,500 महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का पता चलता है, जिनमें से 4,227 की मृत्यु हो जाती है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण क्या हैं?
महिलाओं के पैल्विस या कमर में दर्द की शिकायत
शरीर के निचले हिस्से में दर्द रहना
पेट और पीठ में लगातार दर्द की समस्या
पेट में अपच की शिकायत
कम खाना खने के बावजूद पेट भरा होने का अहसास होना
बार-बार यूरिन की समस्या
यौन क्रिया के दौरान दर्द होना
मल त्याग की आदतों में बदलाव होना
यह जरुर नहीं है कि यदि महिलाओं में यह लक्षण दिखें तो वह ओवेरियन कैंसर ही हो। इसकी सत्यता के लिए डॉक्टर से मिले और जरूरी जांच कराएं। जिससे अपाके सटीम जानकारी मिल सके।
कैंसर होने के बड़े कारण
ओवेरियन कैंसर अनुवांशिक भी हो सकता है। मतलब अगर आपके परिवार में कोई पहले से इस कैंसर से ग्रसित है या था तो अपको इस कैंसर के शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है।
किस उम्र में
इस कैंसर के होने की कोई उम्र सीमा नहीं है लेकिन जिन महिलाओं को मोनोपॉज हो चुका है उन्हें इस चीज का खतरा सबसे अधिक होता है। पोस्टमेनोपॉजल हार्मोन थेरेपी का उपयोग करने से जोखिम और बढ़ सकता है।
मोटापा भी है एक कारण
डॉक्टरों के मुताबिक मोटापा भी ओवेरियन कैंसर होने का एक बड़ा कारण हो सकता है। आकड़े बताते है कि मोटी महिलाएं इस खतरनाक बीमारी की चपेट में ज्यादा आती है।
ओवेरियन कैंसर का ट्रिटमेंट
इस कैंसर को कीमोथेरेपी या फिर ओवरी की सर्जरी करके निजात पाया जा सकता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.