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आईआईएम 2021 बैच में बढ़ी लड़कियों की संख्या, जेंडर गैप को और पीछे छोड़ा

Published - Sun 01, Sep 2019

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर लड़ाके के मुकाबले लड़कियों की संख्या 42 फीसदी तक पहुंच गई है। जो भारत जैसे देश के लिए एक बड़ी कामयाबी है।

girls student

पिछले कुछ सालों से शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों ने लगातार कामयाबी हासिल की है। आईएएस-पीसीएस हो या फिर इंटर और हाईस्कूल के रिजल्ट हर जगह लड़कियों ने टॉप किया है। इसी तरह भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर लड़ाके के मुकाबले लड़कियों की संख्या 42 फीसदी तक पहुंच गई है। जो भारत जैसे देश के लिए एक बड़ी कामयाबी है। इसमें आईआईएम इंदौर टॉप पर रहा, जहां पर 42 फीसदी लड़कियों ने दाखिला लिया। इसी तरह बंगलूरू और लखनऊ 37 फीसदी छात्राएं हैं। आईआईएम कलकत्ता में 31 फीसदी और कोझिकोड में 30 फीसदी छात्राओं ने दाखिला लिया है। 

एंट्रेंस टेस्ट में भी बढ़ रही महिलाओं की संख्या 
देश की सबसे प्रतिष्ठित कैट परीक्षा में भी लड़कियों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। 25 नवंबर, 2018 को आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में देश भर की 84,350 छात्राओं की हिस्सा लिया था, जो 2017 की तुलना में 20 हजार ज्यादा थी। इसी तरह आईआईएम के कॉमन एडमिशन टेस्ट में पहली बार देश भर से कुल 84,350 छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया, जबकि 2013 में यह संख्या 56,409 थी। इसको देखते हुए जेंडर गैप को कम करने के लिए आईआईएम ने छात्राओं और गैर-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले छात्रों के लिए सीट रिजर्व कर दी। इसी का नतीजा है कि अब आईआईएम के 2021 बैच में लड़कियों ने आश्चर्यजनक बढ़त ले ली है।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ना अच्छा संकेत 
बिजनेस स्कूलों में लड़कियों की संख्या में बढोतरी को विशेषज्ञ एक कामयाबी के तौर पर देख रहे हैं। उनका मानना है कि इससे महिलाओं के वर्कफोर्स में बढोतरी होगी। वैसे भी विश्व पटल पर अगर देखा जाए तो भारत जैसे देश में महिलओं के वर्कफोर्स को बढ़ाना समय की मांग है। जब तक शीर्ष स्कूलों कॉलेजों में महिलाएं नहीं होगी तो वह शिखर तक कैसे पहुंचेगी। 
जेंडर गैप कम करने का आईआईएम का अपना अलग तरीका है। वहां इंटरव्यू के लिए शॉर्ट लिस्टिंग में लड़कियों के अच्छे परिणाम के लिए ज्यादा अंक दिए जाने लगे हैं। इंदौर की तरह आईआईएम कोझिकोड ने इंटरव्यू से पहले बारहवीं के अंकों का गुणनफल बड़ा कर दिया है। इससे आईआईएम में जेंडर डायवर्सिटी बढ़ी है।