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कौशल के क्षेत्र में हाथ आजमा रहीं महिलाएं

Published - Fri 17, May 2019

आने वाले समय में नौकरियों के अवसरों पर आधुनिक टेक्नोलॉजी के चलते वैश्वीकरण का बड़ा असर पड़ेगा। आधुनिक टेकनोलॉजी की वैश्विकता के कारण भारी मात्रा में नौकरियों के बढ़ने की संभावना है। इसके लिए बड़े पैमाने पर कुशल मैनपॉवर अभियानों की जरूरत होगी, क्योंकि ज्यादातर नौकरियों में टेक्नोलॉजी और ऑटोमेशन पर आधारित होंगी। ऐसे में लोगों के लिए अपने कौशल निर्माण में ज्यादा निवेश करना उचित रहेगा। उन्हें उद्योग जगत में होने वाले आधुनिक बदलावों के अनुसार अपने आप में नियमित रूप से स्वयं को बदलना पड़ेगा। बदलाव लाने होंगे और कौशल सुधार पर ध्यान केंद्रित करना होगा। मौजूदा स्थिति में नौकरियों के अच्छे अवसर मिल पाना मुश्किल है, इनके लिए देश के युवाओं को अपने कौशल के प्रति जागरुक होना पड़ेगा। कौशल में बदलाव लाने और कौशल सुधार की आवश्यकता है। इस बदलाव में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं, नए अवसरों का लाभ उठाने में वो भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। वे मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमेशन, ब्लॉक चेन जैसे क्षेत्रों में ऐसे कॅरिअर बना रहीं हैं, जिन पर सिर्फ पुरूषों का प्रभुत्व माना जाता रहा है।

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महिलाएं इस तरह बनें कुशल
नया कौशल हासिल करने के लिए महिलाएं भारत सरकार द्वारा निर्मित युवा कौशल केंद्रों में अपना नाम नामांकित करवा रही हैं। ये केंद्र विभिन्न संस्थानों जैसे आईटीआई, पॉलीटेक्निक इंस्टीट्यूट एवं अन्य निजी पंजीकृत संस्थानों के ज़रिए आधुनिक युग की नई तकनीकों में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। वास्तव में कई महिलाएं पहले से इन केंद्रों में आधुनिक तकनीकों में कौशल प्रशिक्षण पा चुकी हैं और बड़ी संख्या में अभी पा रहीं हैं। इसके अलावा देश भर के आईटीआई संस्थान कई अन्य अल्पकालिक पाठ्यक्रम पेश करते हैं, जो छात्रों को ऑटोमेशन, ब्लॉक-चेन एवं अन्य उभरती तकनीकों में प्रशिक्षण देकर प्रमाणपत्र भी प्रदान करते हैं। ऐसे कई निजी संस्थान एवं उद्योग द्वारा संचालित संस्थान हैं, जो विभिन्न आधुनिक तकनीकों में अल्पकालिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराते हैं। कामकाजी महिलाएं भी अपने कार्यस्थल पर अथवा उपरोक्त संस्थानों में इन-हाउस प्रशिक्षण पा सकती हैं और उद्योग जगत की आवश्यकतानुसार कौशल में सुधार लाकर अपने आप को अपडेट रख सकती हैं। इससे महिलाएं किसी भी तरह पीछे नहीं रहेंगी और उद्योग जगत में अच्छा वेतन पा सकेंगी।

कौशल एवं उभरती तकनीकें
विश्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार अगर अधिक संख्या में महिलाएं भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान दें तो भारत दो अंकों में वृद्धि दर्ज कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर ऐसा संभव है। हम चौथी औद्योगिक क्रान्ति की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में इंडस्ट्री 4.0 के मद्देनजर महिलाएं भी आधुनिक तकनीकों की ओर बढ़ रहीं हैं। इंडस्ट्री 4.0 के साथ आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ऑटोमेशन, जेनेटिक्स, रोबोटिक्स, 3 डी प्रिंटिंग, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, क्लाउड कम्प्यूटिंग, सेंसर, कम्प्यूटर पावर्ड प्रोसेसर, इंटेलीजेंट एल्गोरिदम आदि विकसित हो रहे हैं तथा नौकरियों के नए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। कंपनियों के लिए आधुनिक तकनीकों के अनुरूप कुशल पुरूषों को ढूंढना मुश्किल हो रहा है, वे महिलाओं की   ओर रूख कर रहे हैं और महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसका एक और सकारात्मक पहलू यह है कि तकनीक- उन्मुख डिसरप्शन के चलते भारत में काम के दायरे विस्तारित हो रहे हैं, इससे आने वाले समय में महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

तकनीक आधारित अवसर
भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है और विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित हो गई है। साल 2018 में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में कुशल तकनीकी ग्रेजुएट्स की संख्या 7 फीसदी सालाना की दर से आगे बढ़ रही है, भारत स्टार्ट-अप्स की दृष्टि से दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जो तकरीबन 4700 करोड़ रुपयों का कारोबार बनाते हैं। कई अग्रणी कंपनियां न केवल सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थल के रूप में बल्कि महिलाओं को समान रूप से अवसर प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं।

मैन्युफैक्चरिंग में कॅरिअर
भारत में कई ग्रीन फील्ड फैक्टरियां पहले से इन आधुनिक तकनीकों को अपना रही हैं। ऑटोमोटिव उद्योग इन तकनीकों पर निर्भर हैं, जो ऑटोमेशन के साथ अपने कार्यस्थल को महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं और उन्हें इन तकनीकों पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऑटोमोटिव उद्योग जो तकनीक पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं, वे सबसे पहले ऑटोमेशन को अपनाते हैं। आज ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी ऑटोमोटिव उद्योग डिसरप्टर की भूमिका निभा रहा है। दोपहिया निर्माता जैसे यामाहा मोटर इण्डिया के पोस पिंक असेम्बली लाइन है जिसका प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाता है। उन्होंने 200 महिलाओं को एप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम के लिए चुना है। इसी तरह हीरो मोटो कोर्प के ‘प्रोजेक्ट तेजस्विनी’में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में बड़ी संख्या में महिलाओं को शामिल किया गया है बजाज ऑटो के पास भी एक असेम्बली लाइन है, जिसका संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाता है। इसके अलावा महिलाओं को भी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बिग डेटा में बड़े अवसरों को पूर्णतया स्वीकार करना चाहिए।

ऑटोमेशन : रोबोटिक्स का क्षेत्र
जहां एक ओर उद्योग जगत में बड़े बदलाव आ रहे हैं, उद्योग नई तकनीकों और ऑटोमेशन की ओर रुख कर रहा है, कंपनियां अपनी उत्पादन यूनिट्स में ऑटोमेशन को बढ़वा दें। इससे उत्पादन प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप कम हो रहा है, अन्यथा पारंपरिक तकनीकों के लिए अधिक मैनपॉवर की आवश्यकता होती है। महिलाएं भी आईटी जैसे सेक्टरों में ऑटोमेशन की ओर रुख कर रही हैं। इसी तरह रीटेल, हॉस्पिटेलिटी जैसे क्षेत्रों में डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन के चलते बड़े बदलाव आ रहे हैं, डाटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल रहा है। वे महिलाएं जो आधुनिक क्षेत्र में अपना कॅरिअर बनाना चाहती हैं, उन्हें आधुनिक तकनीकों पर ध्यान देना चाहिए। इससे उनके लिए नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे।

ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी में कॅरिअर
ब्लॉक चेन आज उसी तरह है जैसे 2000 के दशक में ‘क्लाउड’ था। इसकी मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है। कौशल की बात करें तो ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी अभी अपनी शुरुआती अवस्था में है, लेकिन स्टार्ट-अप्स एवं मौजूदा कंपनियों में इसकी मांग बढ़ रही है। सॉफ्टवेयर कंपनियां ब्लॉक चेन द्वारा पावर्ड  संचालित किए जा रहे हैं, अवसरों को महत्व दे रहे हैं।  ब्लॉक चेन, डिजिटली लिंक्ड चेन है, जो खरीद प्रक्रिया को सशक्त बनाती है तथा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में दक्षता और लागत मूल्यों में सुधार लाती है। ऐसे में इन क्षेत्रों में महिलाओं के लिए अपार अवसर हैं। पिछले कुछ सालों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स ने अपनी आपूर्ति शृंखला, वेयरहाउसिंग एवं फ्रैट हैंडलिंग प्रक्रियाओं में डिजिटल उपकरणों को अपनाया है। बी2बी कॉमर्स स्पेस के स्टार्ट-अप जैसे मोग्लिक्स, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में लिए आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के डिजिटल समाधान पेश कर रहा है।

सौम्या खरे, लेखक (डायरेक्टर - एचआर एण्ड ऑपरेशन्स, मोग्लिक्स)