आत्मरक्षा की तकनीक सीखकर छात्राएं असामाजिक तत्वों से अपनी रक्षा कर सकती हैं। अमर उजाला के अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत होली चाइल्ड एकैडमी की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए।
नोएडा। आत्मरक्षा की तकनीक सीखकर छात्राएं असामाजिक तत्वों से अपनी रक्षा कर सकती हैं। अमर उजाला के अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत होली चाइल्ड एकैडमी की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए।
प्रशिक्षक हर्ष उपमन्यु ने छात्राओं को बताया कि किसी भी विपरीत परिस्थितियों में उन्हें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। असामाजिक तत्वों को देखकर सावधान हो जाना चाहिए। अगर कोई कुछ गलत करने की कोशिश तो तैयारी कर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा के कई दांव भी बताए। उन्होंने अगर कोई किसी छात्रा का हाथ पकड़ ले तो कलाई पकड़कर पीछे की तरफ गिराना चाहिए। साथ ही किक मारकर बचाव किया जा सकता है। प्रशिक्षक ने बताया कि जब कोई पीछे से आकर मुंह दबाने की कोशिश करे तो नीचे बैठ जाना चाहिए और उसके दोनो पैरों को कसकर पकड़ लेना चाहिए, जिससे वह भाग न सके।
उन्होंने अमर उजाला के अपराजिता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे महिलाओं को आत्मरक्षा के तमाम तरीके व तकनीकों को जानने का मौका मिलेगा। स्कूल की प्रधानाचार्य आरपी शर्मा ने कहा कि अमर उजाला की तरफ से चलाई जा रही यह मुहिम महिलाओं और छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए जूडो कराटे सिखाना चाहिए, जिससे वह मौका पड़ने पर असामाजिक तत्वों का मुकाबला कर उन्हें परास्त कर सकें। अमर उजाला की मुहिम से यह सीख मिली है। - अंजली भाटी, छात्रा
स्कूलों में पढ़ाई के साथ कराटे का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इससे छात्राओं में भी किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने की हिम्मत आएगी।
- मानवी चौधरी, छात्रा
आत्मरक्षा के लिए इस तरह के प्रशिक्षण से आत्मविश्वास भी बढ़ता है। अमर उजाला बहुत अच्छी मुहिम चला रहा है। - चानू शर्मा, छात्रा
इस प्रशिक्षण से हमें सीख मिली है कि विपरीत परिस्थिति में भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। उसी से हम किसी भी परिस्थिति में अपनी रक्षा कर सकते हैं। - भूमिका भारद्वाज, छात्रा
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.