डीसीएसके महाविद्यालय में शुक्रवार को अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत सेल्फ डिफेंस वर्कशाप और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्राओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए।
मऊ। जिला मुख्यालय स्थित डीसीएसके महाविद्यालय में शुक्रवार को अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत सेल्फ डिफेंस वर्कशाप और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्राओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए। इसके अलावा हेल्प लाइन नंबरों के बारे में जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने कहा कि जब तक हम जागरूक नहीं होंगे, तब तक व्यवस्था नहीं सुधरेगी।
पुलिस अधीक्षक ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें। उन्हें महिलाओं का सम्मान करने का संस्कार दें। जब बेटा रात को देर से घर आए तो अभिभावक पूछें कि देर कहां हुई, बाइक में पेट्रोल भराने के लिए उन्होंने बेटे को कब रुपये दिए थे, लेकिन बेटे की बाइक आखिरकार इतने समय से चल कहां से रही है, इस पर भी ध्यान दें। उन्होंने महिलाओं को फेसबुक और अन्य सोशल साइटों पर सावधान रहकर चैट और दोस्ती करने की सलाह दी। उन्होंने हेल्पलाइन 112, 181 और 1090 के बारे में जानकारी दी। महिला आरक्षी सरोज यादव ने छात्राओं को विशेष परिस्थितियों में खुद की सुरक्षा करने के गुर बताए। छात्राओं को एक्शन कर बचाव के बारे में जानकारी दी।
फायर विभाग की तरफ से प्रभारी निरीक्षक ओपी गुप्ता ने आग पर काबू पाने के उपाय बताए। उन्होंने बताया कि आग तीन चीजों से लगती है। पहला ईंधन, दूसरा आक्सीजन और तीसरा ताप तीनों में से यदि एक भी नहीं मिला तो आग बुझ जाएगी। बाल कल्याण समिति की सदस्या विनीता पांडेय ने छात्राओं से कहा कि वे अपनी शिकायतें थानों के महिला हेल्प डेस्क पर कर सकती हैं। प्राचार्य डीसीएसके ने बताया कि कालेज में एक बाक्स रखा गया है, जिसमें छात्राएं अपनी समस्याएं लिखकर डाल सकती है, या फिर महिला टीचरों से संपर्क कर बता सकती हैं। कार्यक्रम का संचालन डा. सीपी राय ने किया। कार्यक्रम में 300 से अधिक छात्र-छात्राओं और शिक्षक, महिला शिक्षकों ने भाग लिया।
बोली छात्राएं
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.