जूडो-कराटे प्रशिक्षक राम तिवारी ने कठिन हालात से लड़ने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा पढ़ाई-लिखाई हो या खेल। जंग जीतने के लिए आत्मविश्वास होना बहुत आवश्यक है। मुश्किल से मुश्किल दौर में भी धैर्य न खोएं, चुनौतियों का डटकर सामना करें। अगर यह कला आपने अपने अंदर विकसित कर ली तो हर परेशानी का सामना बेहतर तरीके से कर सकेंगे।
प्रतापगढ़। पढ़ाई-लिखाई हो या खेल। जंग जीतने के लिए आत्मविश्वास होना बहुत आवश्यक है। मुश्किल से मुश्किल दौर में भी धैर्य न खोएं, चुनौतियों का डटकर सामना करें। अगर यह कला आपने अपने अंदर विकसित कर ली तो हर परेशानी का सामना बेहतर तरीके से कर सकेंगे। शनिवार को अमर उजाला के अभियान अपराजिता : 100 मिलियन स्माइल के तहत सिटी के टेऊंगा स्थित संस्कार ग्लोबल स्कूल में आयोजित आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण शिविर में जूडो-कराटे प्रशिक्षक राम तिवारी ने कठिन हालात से जूझने के लिए यह मंत्र दिए। प्रशिक्षण के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली छात्रा सृष्टि मिश्रा को प्रथम, अंजली सिंह को दूसरा और पलक पांडेय तृतीय स्थान पाने पर प्रिंसिपल स्मृति सिंह ने पुरस्कृत किया।
शनिवार को संस्कार ग्लोबल स्कूल टेऊंगा के मैदान में उमड़े एक हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को आत्म सुरक्षा के लिए जूडोज-कराटे का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक राम तिवारी ने छात्राओं के अंदर अपनी सुरक्षा स्वयं करने और मनचलों को धूल चटाने का जज्बा पैदा किया। खचाखच भरे मैदान में बालिकाओं ने जूडो-कराटे के टिप्स लेने के साथ ही अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। आलम यह था कि प्रशिक्षक के मुंह से आवाज निकलते ही बच्चे जोरदार आवाज के साथ एक्शन में आ जा रहे थे। छात्राओं का जज्बा परखने के लिए प्रशिक्षण के बाद प्रतियोगिता हुई, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली सृष्टि मिश्रा को प्रथम, अंजली सिंह को दूसरा और पलक पांडेय तृतीय स्थान पाने पर प्रिंसिपल स्मृति सिंह ने मेडल देकर पुरस्कृत किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में रविप्रकाश सिंह, अर्जुन तिवारी, संतीग दुबे, अविनाश सिंह, उमा सिंह, वर्षा ओझा, रोशनी मिश्रा, राहुल श्रीवास्तव, मनोज शुक्ला, सदाशिव शुक्ल का सहयोग रहा।
बालिकाओं में दिखी ललक
आत्मसुरक्षा को लेकर बालिकाएं भी चिंतित रहती हैं। शनिवार को संस्कार ग्लोबल स्कूल में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में सृष्टि मिश्रा, अंजली सिंह, पलक पांडेय, आराध्या गुप्ता, आयशा बानो, आरजू मौर्य, शुभी, आयुषी ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया, उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके भीतर कुछ गुजरने का जुनून है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.