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बालिकाओं को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बना रहीं पूर्ति

Published - Thu 07, Mar 2019

अपराजिता आसमान तक उड़ान

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डॉ. पूर्ति चतुर्वेदी, असिस्टेंट प्रोफेसर, विश्वविद्यालय

आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लाइफ साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूर्ति चतुर्वेदी ने पूर्वोत्तर की गरीब बेटियों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। वह त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम में ऐसी बालिकाओं को यहां लाकर पढ़ाती हैं। उनके रहने, खाने-पीने का भी खुद ही इंतजाम करती हैं। इन लड़कियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाता है। उनको ऐसा करके एक अलग अनुभूति मिलती हैं। उनका कहना है कि वह अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त इन्हीं बच्चियों के साथ गुजारती हैं।

एबीवीपी की रह चुकी हैं कार्यकर्ता
डॉ. पूर्ति चतुर्वेदी का कहना है कि वह अनुमंत्रम कन्याकुलम संस्था की सचिव हैं। पढ़ाई के दिनों से वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कार्यकर्ता थीं। पूर्वोत्तर के राज्यों का भ्रमण करने का मौका मिला। वहां की संस्कृति को समझा। त्रिपुरा, नागालैंड और मिजोरम में गरीब और पिछड़े परिवार की बालिकाएं शिक्षा से दूर थीं,  लेकिन उनमें पढ़ने का जज्बा था। वर्ष 2013 से पूर्वोत्तर राज्यों की इन बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ा। इस समय विभिन्न राज्यों की 15 बालिकाओं को पढ़ाया जा रहा है। साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है। नैतिक और चारित्रिक गुणों का विकास किया जा रहा है।