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समूह बनाकर पुरुषों के बराबर कमा रहीं महिलाएं

Published - Wed 26, Jun 2019

10 से 15 महिलाएं समूह का गठन कर सकती हैं। इसके बाद धीरे-धीरे समूह को ढाई लाख तक धनराशि छोटे-छोटे उद्यम के लिए दिए जाते हैं। सरकार की ओर से भी आजीविका मिशन के तहत गांवों में महिलाओं को समूह के माध्यम से धनराशि दी जा रही है।

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बस्ती। विकास की दौड़ में हर किसी को कार्य करना होगा। आज सरकार की ओर से आजीविका मिशन के तहत गांवों में महिलाओं को समूह के माध्यम से धनराशि दी जा रही है। छोटे-छोटे उद्यम कर परिवार के विकास में महिलाएं पुरुषों के बराबर योगदान कर रही हैं। यह कहना है प्रभारी बीडीओ/एडीओ आईएसबी रामराज का। वह सोमवार को सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक सभागार में अमर उजाला फाउंडेशन की अपराजिता मुहिम के तहत महिला उद्यमिता जागरूकता संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। 
प्रभारी बीडीओ ने बताया कि 10 से 15 महिलाएं समूह का गठन कर सकती हैं। इसके बाद धीरे-धीरे समूह को ढाई लाख तक धनराशि छोटे-छोटे उद्यम के लिए दिए जाते हैं। विशिष्ट अतिथि प्रभारी निरीक्षक सोनहा शिवाकांत मिश्र ने महिलाओं को सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी। कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन के लाख कवायद के बाद चुप रहने के चलते समाज में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं। झिझक छोड़कर हेल्पलाइन 1090, डॉयल 100 पर सही सूचना दें। आप का परिचय गुप्त रहेगा। समस्या निस्तारण तक महिला पुलिस संपर्क में बनी रहेगी। ब्लॉक मिशन मैनेजर प्रियंका शाही ने कहा कि महिलाएं आज घरेलू कामकाज के साथ-साथ योजनाओं के माध्यम से सिलाई, कढ़ाई बुनाई, फर्नीचर, हथकरघा, बांस की टोकरियां, पशुपालन आदि से पुरुषों के बराबर रुपये भी कमा रहीं हैं। सरकार भी ऐसे समूहों को सहायता प्रदान सशक्त बना रही है। घरेलू कामकाज कर बाकी समय में ऐसे समूहों और संगठनों से जुड़कर महिलाएं अपराजिता बन सकती हैं। स्वयं सहायता समूह में 10-15 महिलाएं होती हैं। उनके समूह को पंजीकृत कर, क्षमतावर्धन, आजीविका प्रशिक्षण के बाद 1.15 लाख तक की सहायता दी जाती है। इससे महिलाएं खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। ग्राम प्रधान बनरही जंगल विनोद पांडेय व ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राम अवतार ने भी योजनाओं की जानकारी देकर प्रोत्साहित किया। 

कार्यक्रम से नई जानकारी मिलती है: प्रियंका
प्रियंका शाही कहती हैं कि ऐसे कार्यक्रमों से नई नई जानकारी मिलती है। महिला हेल्पलाइन 1090 पर सूचना देने से पहचान गुप्त रखे जाने, बयान नहीं दर्ज होने की जानकारी होने पर महिलाएं उत्पीड़न पर शिकायत के लिए प्रेरित होंगी। क्योंकि पूछताछ के भय से महिलाएं घबराती हैं। 

महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा: उर्मिला
कार्यक्रम में शामिल उर्मिला देवी का कहना है कि छोटे-छोटे व्यवसाय की जो जानकारी दी गई। उससे महिलाएं प्रेरित होंगी। परिवार के विकास के लिए घरेलू कामकाज निपटा कर वे भी अपना सहयोग देंगी। जनजागरूकता के लिए ऐसे कार्यक्रम गांव गांव होने चाहिए।

मुकाम दिलाएगा अपराजिता अभियान: नीलम
अमर उजाला की सराहनीय पहल है। महिलाओं के लिए चलाया जा रहे इस अभियान से निश्चित ही जागरूकता आएगी। यह कहना है नीलम चौधरी का। कहती हैं कि जानकारी के अभाव में बहनें जो कुछ करना चाहती हैं पर नहीं कर पाती हैं उन्हें अपराजिता मुकाम दिलाएगा।

स्थानीय स्तर पर हो जागरूकता कार्यक्रम: आनंद
सल्टौआ पीएचसी के प्रभारी आनंद मिश्रा कहते हैं कि अमर उजाला का यह प्रयास सराहनीय है। महिलाएं सशक्त तभी बन पाएंगी जब वे शारीरिक रूप से मजबूत और स्वस्थ रहेंगी। इसके लिए स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी होना चाहिए।