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बीमारी से परेशानी हुई तो डॉक्टर बन गईं लाहिरी

Published - Thu 07, Mar 2019

अपराजिता आसमान तक उड़ान

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डॉ. विजय लक्ष्मी लाहिरी, एसएन कॉलेज की पहली महिला प्राचार्य

आगरा। 81 साल की डॉ. विजय लक्ष्मी लाहिरी एसएन मेडिकल कॉलेज की पहली महिला प्राचार्य हैं। इन्होंने डॉक्टरी का पेशा यूं ही नहीं चुना, खुद की बीमारी ने उनको डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित किया। दिल्ली गेट निवासी डॉ. लाहिरी बताती हैं कि जन्म से किडनी की समस्या थी। खून की कई जांचें होती थीं। इसे देख उन्होंने होश संभालते ही डॉक्टर बनने की ठान ली।

बेटियां कमजोर नहीं, बस खुद को साबित करें
1955 में सेंट जोंस कॉलेज से इंटर करने के बाद मेडिकल की प्रवेश परीक्षा दी। उत्तीर्ण होने पर ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया। 1960 में एमबीबीएस के बाद पैथोलॉजी और माइक्रो बायलॉजी में एमडी किया। 1964 में एसएन कॉलेज में प्रवक्ता पद पर नियुक्त हुईं। आगरा में पहली महिला पैथोलॉजिस्ट बनीं। 1980 में वह एसएन के पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष बनीं। 1995-99 तक कॉलेज प्राचार्य का पद संभाला। कई राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिले। काम के प्रति लगन ऐसी है कि इस उम्र में भी वह हर रोज चार घंटे अपनी पैथोलॉजी लैब में जांच करती हैं। उनका बस यही कहना है कि बेटियां कमजोर नहीं, बस खुद को साबित करने के लिए जी-जान से लगना पड़ता है।