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कॉलेज में नौकरी छोड़ गरीब बच्चों को पढ़ा रहीं शानू

Published - Thu 07, Mar 2019

अपराजिता आसमान तक उड़ान

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शानू वर्मा, प्रधानाध्यापिका

आगरा। बाबू रामचंद्र गुप्ता आदर्श बाल मंदिर, मोतीगंज में प्रधानाध्यापिका शानू वर्मा ने बुनियादी स्तर पर बच्चों को निखारने के लिए उच्च शिक्षण संस्थान में शिक्षण कार्य छोड़ दिया। पहले से कम वेतन पर बेसिक स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही हैं। ऐसे स्कूल को चुना है, जिसमें बड़ी संख्या में गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। इन बच्चों को पढ़ाकर उनको संतोष मिलता है।

पति ने दिया साथ तो पूरा कर लिया अपना सपना
शानू वर्मा ने एमए, बीएड और एमएड किया है। वह संत रामकृष्ण कन्या इंटर कॉलेज, बल्केश्वर में पढ़ाती थीं। उनकी इच्छा प्राइमरी स्तर पर बच्चों को पढ़ाने की थी। जिस स्तर पर बच्चों को सर्वाधिक मांझने की जरूरत होती है। शानू वर्मा ने पति राजीव वर्मा से मन की बात साझा की, जो परिषदीय स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं। पति का समर्थन मिला। वेतन भले कम मिल रहा हो पर बेसिक स्तर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से शानू वर्मा को अधिक संतोष मिल रहा है। वह हर विद्यार्थी को सफल होते देखना चाहती हैं।