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डर से नहीं आत्मविश्वास से करेंगे मुसीबत का सामना

Published - Thu 01, Aug 2019

अमर उजाला फाउंडेशन, अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स और मानव एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स की ओर से 10 दिनों तक चले आत्मरक्षा कार्यशाला में छात्राओं ने ट्रेंनिंग ली।

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वाराणसी। अब न तो हम डरेंगे और न ही अब हमें कोई आंख उठा कर देख सकेगा। अब हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकते हैं। कराटे ट्रेनिंग ने हमें आत्मनिर्भर बना दिया है। यह कहना है उन छात्राओं का, जिन्होंने अमर उजाला फाउंडेशन, अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स और मानव एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स की ओर से 10 दिनों तक चले आत्मरक्षा कार्यशाला में ट्रेनिंग ली।
रविवार को सिटी प्राइड मांटेसरी स्कूल सिगरा में आत्मरक्षा कैंप का समापन हुआ। इसमें किक और पंच की बारीकियां सीखने वाली छात्राओं को प्रमाणपत्र दिया गया। समापन समारोह में प्रबंधक सैयद रजीउद्दीन, प्रधानाचार्य अनिता उपाध्याय ने छात्राओं को प्रमाणपत्र बांटा। कार्यक्त्रस्म में स्कूल के शिक्षक रश्मि पांडेय, इम्तियाज अहमद, नाजिया एरम आदि मौजूद रहे। मानव एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स की और से माया पटेल, दिव्या पांडेय, जया उपाध्याय, रुचि उपाध्याय, ज्योति उपाध्याय, चंचल, ज्योति आदि मौजूद रहीं।

  • पहली बार कराटे के दांव पेंच जानने का मौका मिला। कई तकनीक ऐसी हैं जो बहुत ही आसान हैं। हम इनका इस्तेमाल कर अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। - नुसरत जारा
  • हमें किक और पंच मारना आ गया है। अब किसी का भी जवाब आसानी से दे सकते हैं। सामने वाले को पस्त करने का विश्वास खुद में आ गया है। - जारिफा खानम
  • अमर उजाला और मानव एकेडमी की ओर से प्रशिक्षण हम सबके लिए काफी उपयोगी साबित हो रहा है, गलत का जवाब देने की ताकत आ गई है। - मुब्बशिरा अरफात
  • प्रशिक्षण में हमने सिर्फ दांव पेंच ही नहीं सीखा, बल्कि गलत के खिलाफ आवाज बुलंद करना भी आ गया है। इसकी आज बहुत ही जरूरत है। - जोया इरशाद