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अपने अधिकार और कानून का प्रयोग कर बनें ‘अपराजिता’

Published - Sat 31, Aug 2019

अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत हुई अपनी सुरक्षा अपने हाथ कार्यशाला, वीआईआईटी ग्रुप ऑफ कॉलेज में छात्राओं को कराटे कोच ने दी सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

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बुलंदशहर। अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत बृहस्पतिवार को वीआईआईटी ग्रुप ऑफ कॉलेज में अपनी सुरक्षा अपने हाथ कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें वक्ताओं ने छात्राओं को अपने अधिकार और कानूनों का प्रयोग कर अपराजिता बनने का जज्बा पैदा किया तो कराटे कोच ने छात्राओं को बचाव के टिप्स दिए। छात्राओं ने भी कराटे के गुर सीखे और इसे अपनाने की बात कही।

वीआईआईटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के डीए एकेडमिक डॉ. विजय कौशिक ने अमर उजाला 100 मिलियन स्माइल्स के तहत छात्राओं को जागरूक करने की मुहिम की सराहना की। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपने अधिकार और कानूनों का प्रयोग कर अपराजिता बनें। आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इसलिए उन्हें चाहिए कि वह किसी भी तरह की विकट परिस्थिति से भी निपटने में पीछे न रहें। वह कराटे आदि की थोड़ी सी प्रैक्टिस कर भी छेड़छाड़ और परेशान करने वाले शरारती तत्वों को सबक सिखा सकती हैं। कॉलेज की डायरेक्टर डॉ. सारिका कौशिक ने भी छात्राओं के अंदर छिपे डर को बाहर निकालने के लिए उन्हें उनकी ताकत का एहसास कराते हुए कहा कि वह किसी भी घटना से निपटने के लिए सक्षम हैं। यदि थोड़ा सा हौसला कर शरारती तत्वों का विरोध करें तो वह कोई दुष्साहस नहीं कर सकेगा। यदि इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज किया जाए तो शरारती तत्वों के हौसले बुलंद हो जाते हैं। इसलिए छात्राओं को चाहिए वह ऐसे शरारती तत्वों को सबक सिखाने में पीछे न रहें। यदि जरूरत पडे़ तो पुलिस का भी सहारा लें। इस दौरान शिक्षक निधि अग्रवाल, अनीता गिरी, सूरजपाल, हिमांशु मित्तल, मयंश शर्मा और गौरव आदि मौजूद रहे।

छात्राओं ने इस तरह सीखे कराटे के गुर

कराटे कोच सोनू लोधी ने छात्राओं को बचाव के गुर बताए। सोनू ने छात्राओं को गर्दन या गिरेबान पकड़ने पर दोनों हाथों से हमला करने वाले की दोनों आंखों पर अंगूठा से दबाव बनाकर पस्त करने का तरीका बताया। पीछे से कमर पकड़ने या बाल पकड़ने पर दोनों हाथों से कलाई और पकड़कर पकड़कर छुड़ाने का टिप्स दिया। इसके अलावा नोज पंच, साइड किक, अपर पंच आदि की जानकारी छात्राओं को दी। सोनू ने बताया कि आपात स्थिति में वह शोर मचाकर शरारती तत्व को भगाने में कामयाब हो सकती हैं।

  • मेरा मानना है कि यदि कोई किसी तरह का दुष्साहस करता है तो उससे पहले खुद निपटूंगी और जरूरत पड़ने पर पुलिस की भी मदद लूंगी। ताकि आगे उसे सबक मिल सके। - छात्रा पूजा
  • किसी भी घटना से निपटने के लिए खुद में साहस होना चाहिए। साथ ही सभी को जुड़ो-कराटे सीखने चाहिए। क्योंकि हर जगह पुलिस नहीं होती है। - छात्रा चंचल
  • जब महिला आज पुरुष से कम नहीं हैं तो अपने को कमजोर कैसे समझ लेती हैं। महिलाओं खासकर छात्राओं को इस झिझक से बाहर आने की जरूरत है।  - छात्रा आयुषी शर्मा
  • अब जमाना बदल गया है और महिलाओं को चाहिए कि वह किसी भी मुसीबत का पहले अपने पर भरोसा कर मुकाबला करें। यदि बात ज्यादा बढ़ती है तो पुलिस को अवगत करवाकर सबक सिखाना चाहिए। - छात्रा लक्ष्मी
  • आत्मविश्वास कमजोर नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा है तो कोई किसी तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर होगा। - छात्रा तनु सोलंकी
  • यदि कोई सामने वाला हरकत करता है तो उसे उसी अंदाज में जवाब देना चाहिए। इसके लिए अपने पर भरोसा और आत्मविश्वास भी जरूरी है। - छात्रा हिमांशी