श्रीमती राधिका देवी इंटर कालेज बुजुर्गा में ताइक्वांडो प्रशिक्षक रविकांत ने छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए।
गाजीपुर। ‘अमर उजाला’ अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए। इस दौरान लड़कियों को शिक्षित एवं जागरूक बनकर अधिकारों के लिए आवाज उठाने की सीख दी गई।
श्रीमती राधिका देवी इंटर कालेज बुजुर्गा में ताइक्वांडो प्रशिक्षक रविकांत ने छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए। मुख्य अतिथि विद्यालय के प्रबंधक रामजन्म राम ने कहा कि नारियां निडर बनें। अब सुरक्षा के लिए गनर की नहीं, प्रशिक्षण की जरूरत है। ताइक्वांडो, जूडो, कराटे सीखकर बेटियां खुद और दोस्तों की भी रक्षा कर सकती हैं। कार्यक्रम में 130 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
ताइक्वांडो प्रशिक्षक रविकांत ने छात्राओं को पंच, किक, अटैक ओर डिफेंस के तरीके बताए। प्रधानाचार्या कुमकुम ने बताया कि महिलाएं अब अबला नहीं हैं। वह कड़ी मेहनत और हौसले के दम पर अपनी रक्षा करें और स्वावलंबी बनें। उनके इस प्रयास में अपराजिता अभियान मददगार साबित होगी। आत्मरक्षा मुहिम के तहत बेटियों को विषम परिस्थितियों से निपटने के गुर सिखाए जा रहे हैं। इस दौरान यूपी 100, 1090 और 181 हेल्प लाइन के बारे में जानकारी दी गई।
रविकांत ने दिया आत्मरक्षा प्रशिक्षण
राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो खिलाड़ी रविकांत ने छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर बताए। कहा कि बच्चे इसका घर में नियमित अभ्यास करें। इससे उनमें मुसीबत का सामना करने का हौसला आएगा।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में प्रधानाचार्या कुमकुम, उप प्रधानाचार्य अशोक तिवारी, सुदामा राम, मोहम्मद मुस्तकीम खान, श्रीराम यादव, गामा राम, कमलेश कन्नौजिया, बासुदेव कुशवाहा, सुभाष राम, विनोद कुमार, पार्थ, राम विलास सिंह आदि मौजूद रहे।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.