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खुद की पढ़ाई के लिए बनी शिक्षिका, आज आसमान छू रही आशिमा

Published - Thu 07, Mar 2019

अपराजिता बेटियां बनीं मिसाल

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आशिमा गेरा, स्क्वाड्रन लीडर वायुसेना

मैनपुरी। इरादे यदि बुलंद हैं तो मंजिल पाना कठिन नहीं होता है। कुछ ऐसा ही करके दिखाया है नगर के सदर बाजार निवासी व्यापारी रमेश गेरा की बेटी आशिमा गेरा ने। आशिमा का सपना देश सेवा करना था। इसके लिए उन्होंने वायु सेना को अपना लक्ष्य चुना। वायु सेना में जाने के लिए आशिमा की पढ़ाई के दौरान आर्थिक संकट पैदा हुआ। पिता रमेश गेरा और मां कमलेश गेरा ने बेटी का भरपूर सहयोग किया। आशिमा ने जब देखा कि मां और पिता उसकी शिक्षा का खर्च उठा पाने में असमर्थ दिख रहे हैं तो बेटी ने खुद ही मेहनत की। इसके लिए उन्होंने नगर के  सेंट मेरीज स्कूल में एक वर्ष शिक्षिका के रूप में भी कार्य किया। आशिमा की मेहनत रंग लाई और वर्ष 2011 में वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त हुई। आज आशिमा मैनपुरी को आसमान में पहचान दिखा चुकी हैं। गणतंत्र दिवस 2018 पर उन्हें स्क्वाड्रन लीडर की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पुरुषों को मात दे रही हैं आशिमा
आशिमा गेरा ने वर्ष 2004 में नगर के सेंट थॉमस कान्वेंट स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा पास की। वर्ष 2006 में सीआरबी स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की। जीवाजी विश्वविद्यालय से वर्ष 2006 में स्नातक व 2009 में परास्नातक की परीक्षा पास की। वर्तमान में वह शिलांग में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर तैनात हैं। आशिमा साधारण परिवार की रहने वाली हैं। पिता रमेश गेरा एक मध्यम क्रम के व्यापारी हैं तो मां कमलेश गेरा सेंट मेरीज स्कूल में शिक्षिका के रूप में जिम्मेदारी निभा रही हैं।