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देश की सेवा के लिए डॉ. शिवानी ने छोड़ दी डॉक्टरी

Published - Thu 07, Mar 2019

अपराजिता बेटियां बनीं मिसाल

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मैनपुरी।  देश की सुरक्षा के लिए बात आए तो लड़के तुरंत तैयार हो जाते हैं। वो भी बात यदि दो दशक पहले की हो तो और भी चिंताजनक बात थी, लेकिन भोगांव निवासी डॉ. मनोज दीक्षित और उपमा दीक्षित की पुत्री डॉ. शिवानी दीक्षित ने लोगों की इस भावना को मात देते हुए देश की रक्षा के लिए कदम बढ़ाया। बीएसएफ में ज्वाइन करने के बाद वह देश की रक्षा में योगदान कर रही हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती 104 बटालियन अनूपगढ़ बीकानेर सेक्टर में असिस्टेंट कमांडेंट बीएसएफ के रूप में है।

एमबीबीएस की डिग्री को नहीं दी तवज्जो
डॉ. शिवानी दीक्षित ने हाईस्कूल भोगांव के जेएस मेमोरियल स्कूल से पास किया। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा नेशनल इंटर कॉलेज भोगांव से पास की। राजस्थान के कोटा से कोचिंग करने के बाद राममूर्ति मेडिकल कॉलेज बरेली से एमबीबीएस किया। उनकी इच्छा देश सेवा करने की थी। पहले सैफई मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के रूप में रोगियों की सेवा की। एमबीबीएस करने के बाद भी वर्ष 2018 में बीएसएफ में असिस्टेंड कमांडेंट के रूप में ज्वाइन किया। वर्तमान में वहीं सेवाएं दे रही हैं। उनका कहना है कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं हैं। यदि इरादे बुलंद हैं तो मंजिल को आसानी से हासिल किया जा सकता है। देश रक्षा में लड़कियां भी अपना सहयोग दे सकती हैं।