अपराजिता बेटियां बनीं मिसाल
मैनपुरी। लड़कियां लड़कों से किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं। यह जरूरी नहीं है कि बेटा ही पिता का नाम रोशन करेगा। बेटी भी पिता के नाम को रोशन करने का जज्बा दिल में रखती हैं। यही करके दिखाया किशनी क्षेत्र के गांव चांदा निवासी एडवोकेट रामनरेश यादव की बेटी प्रियंका यादव ने। एडवोकेट रामनरेश यादव के बेटा नहीं था। उन्होंने अपनी तीनों बेटियों की परवरिश बेटों की तरह की है। दूसरे नंबर की बेटी प्रियंका यादव का लालन-पालन पिता ने बेटे की ही तरह किया। बेटी का भी सपना था कि वह पिता के हर अरमान को पूरा करे। बेटी की पढ़ाई के लिए पिता ने गांव छोड़ा और नगर के यदुवंशनगर में रहने लगे। बेटी प्रियंका यादव ने पिता का सपना वर्ष 2006 में पूरा किया। वर्ष 2007 में प्रियंका यादव ने वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर नियुक्ति पाई। वर्तमान में वह शिलांग में स्क्वाड्रन लीडर के रूप में जिम्मेदारी निभा रही हैं।
हवा से बातें करती हैं प्रियंका
प्रियंका यादव ने वर्ष 1999 में नगर के आरसी कन्या इंटर कॉलेज से हाईस्कूल की परीक्षा पास की। वर्ष 2001 में आरसी कॉलेज से ही इंटर की परीक्षा पास की। वर्ष 2006 में उन्होंने आरसी महिला डिग्री कॉलेज से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद वायु सेना के लिए आवेदन किया। वर्तमान में वह स्क्वाड्रन लीडर के रूप में आकाश में पैंतरे मार रही हैं। प्रियंका यादव पर जनपद को नाज है। उन्होंने इस बात को सिद्ध कर दिया है कि यदि सही दिशा में परवरिश हो तो बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.