अपराजिता चेंजमेकर्स बेटियां
मीनल द्विवेदी त्रिपाठी
लखनऊ। टेक्सटाइल डिजाइनर, कथक डांसर, कॉरपोरेट योगा टीचर...। और न जाने क्या-क्या है उनकी पहचान, पर वे खुद को फिटनेस क्रांतिकारी कहलाना पसंद करती हैं। नाम है मीनल द्विवेदी त्रिपाठी। कहती हैं, जागरूकता के तमाम दावों के बावजूद महिलाएं न तो अपने लिए वक्त निकालती हैं न ही अपनी सेहत पर ध्यान देती हैं। मैं महिलाओं में फिटनेस क्रांति लाना चाहती हूं, क्योंकि मैं अपनी सेहत को लेकर बहुत सतर्क रहती हूं।मीनल कहती हैं, नौकरी इसलिए छोड़ी क्योंकि पैशन कहीं खत्म होता जा रहा था। तब तक हम राजस्थान से लखनऊ आ चुके थे। मैं 3-3 घंटे तक अकेले घूमा करती थी, कई बार रात में भी निकल पड़ती। लोग कहते कि अकेले मत घूमो, पर यह एक सुरक्षित शहर है। बीते साल 15 अगस्त को आधी रात में फ्रीडम रन निकालने वाली मीनल शिवालिक में अल्ट्रा और लेह में फुल मैराथन पूरी करने वाली लखनऊ की एकमात्र महिला हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.