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लेखन में माहिर शताक्षी, लिखती हैं बदलाव की कविताएं

Published - Thu 07, Mar 2019

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शताक्षी सिंह, कवयित्री

लखनऊ। ‘...आई एम डेथ, ही सैड, द सैडो ऑफ योर सायर’ कविता की पंक्तियां पढ़कर कहना मुश्किल है कि ये किसी स्टूडेंट्स ने लिखी हैं या किसी प्रोफेशनल कवि ने। पर ये रचना है एलयू की छात्रा शताक्षी सिंह की। अपनी मां को रोल मॉडल मानने वाली शताक्षी का पूरा फोकस पढ़ाई के साथ-साथ लेखन पर है। यही वजह है कि जब भी उनके पास समय होता है, वे सिर्फ और सिर्फ पढ़ती हैं। खास बात है कि उन्होंने खुद को किसी विशेष विषय से नहीं बांधा। फिक्शन भी पढ़ती हैं, नॉवेल भी और प्रेमचंद को भी। कहती हैं,यदि कुछ गंभीर लिखना है, जिसके अपने सरोकार भी हों तो पढ़ना जरूरी है। कविताओं के संग्रह पर काम कर रहीं शताक्षी के मुताबिक, महिलाओं के हालात सुधरे हैं, पर अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।