अपराजिता अभियान में वोट का महत्व भी बताया
अमर उजाला के अपराजिता :100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत 14 मार्च को विभिन्न शहरों में आयोजन हुए। इस दौरान बेटियों को आत्मरक्षा के लिए प्रेरित किया गया। उन्हें जूडो-कराटे, ताइक्वांडो के जरिए दांवपेच सिखाए गए तथा साहसी बनने को प्रेरित किया गया। इसके अलावा महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रमों के दौरान अपराजिता शपथ पत्र भरे गए तथा नारी गरिमा का संकल्प लिया गया।
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वोट को माने अधिकार : मैनपुरी। वोट करना कोई बोझ नहीं है। यह देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इससे अच्छी और सशक्त सरकार को चुनने में मदद मिलती है। घिरोर कस्बे में आयोजित मतदाता जागरुकता कार्यक्रम में यह बात कही गई। कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा विभिन्न मुद्दों पर विचार रखे। बाद में सभी ने मतदान करने की शपथ ली।
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पुलिस की पाठशाला : अमरोहा। अपराधी के खिलाफ बोलने से बचने का नतीजा बहुत ही बुरा होता है। अगर आप चुप रहते हैं तो अपराधी के हौसले बुलंद होते हैं और वह आपको ज्यादा परेशान कर सकता है। इसके अलावा अन्य लोगों को भी वह अपना शिकार बना सकता है। इससे बचने के लिए लोगों को आगे आना होगा और अपराधियों के बारे में पुलिस को बताना होगा। एसएसए स्कूल अमरोहा में आयोजित पुलिस की पाठशाला में यह बात पुलिस अधिकारियों ने विद्यार्थियों से कही। इस दौरान 100 डायल और महिला हेल्पलाइन के बारे में भी जानकारी दी गई।
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मतदान का बताया महत्व : देहरादून। मतदान आपका अधिकार है। आप भी करें और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। किसी के बहकावे या प्रलोभन में आकर वोट न दें। सोच समझकर वोट करें और सशक्त सरकार बनाकर देश के विकास में सहयोग करें। राजकीय पॉलीटेक्निक गढ़ी श्यामपुर खदरी में आयोजित गोष्ठी में यह बात कही गई। इस दौरान मतदान के अन्य फायदों के बारे में भी बताया गया।
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खुद को बनाएं ताकतवर : अयोध्या। अब महिला कमजोर नहीं रही। वह हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ ही खुद को ताकतवर भी बनाने लगी हैं। पुलिस और सेना में नौकरी कर रहीं महिलाएं, उन अन्य सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो खुद को भय के वातावरण से बाहर ही नहीं निकाल पा रहीं। राजकरण वैदिक पाठशाला इंटर कॉलेज में आयोजित सेल्फ डिफेंस पर कार्यशाला में यह बात छात्राओं से कही गई। इस दौरान सभी को आत्मरक्षा के दांवपेच सिखाए गए।
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सीखे आत्मरक्षा के दांवपेच : रायबरेली। बेटियों की सुरक्षा हो या महिलाओं की, दोनों को खुद की सुरक्षा करना आना चाहिए। जरूरी नहीं कि कोई घटना हो और तुरंत मदद मिल जाए। कई बार मदद पहुंचने में समय लग जाता है, ऐसे में खुद को हिम्मत और साहस के साथ उन परिस्थितियों का सामना करना आना चाहिए। परिस्थितियां कैसी भी हो सकती हैं। इनमें छेड़छाड़ की घटनाएं, कहीं कोई दुर्घटना या अन्य घटना। जरूरी नहीं कि यह घटनाएं हमारे साथ ही हो, अन्य महिलाओं के साथ होने पर भी आप मदद करें। जनता इंटर कॉलेज पाहो में आयोजित सेल्फ डिपेंस कार्यशाला में विद्यार्थियों से यह बात कही गई।
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बनें सशक्त, करें मुकाबला : बहराइच। महिलाएं सशक्त बनें, खुद करें हर अपराध का मुकाबला। किसी पर भरोसा नहीं करें, सजग व सतर्क रहकर अपराधियों को सबक सिखाएं। एसडीडी रणजीत सिंह शिक्षण संस्थान कैलाशनगर में आयोजित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में कोच विवेक शुक्ला ने छात्राओं से यह बात कही। उन्होंने छात्राओं को विषम परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा के लिए अपनाए जाने वाले टिप्स दिए।
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न डरेंगे न झुकेंगे, डट कर मुकाबला करेंगे : लखनऊ । शहर की लड़कियां अब अबला से सबला बन रही हैं। अमर उजाला की सहायता से आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं। आत्मरक्षा के प्रशिक्षण से न केवल बालिकाओं के मन से असुरक्षा का डर दूर होता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास और मनोबल भी बढ़ता है। अलीगंज स्थित बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी में छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। छात्राएं कहीं पर अब आंखें नीचे कर नहीं फख्र से सिर ऊंचा कर चल सकती हैं। विशेषज्ञों ने उनको किसी भी अनहोनी स्थिति में कैसे निपटा जाए, छात्राओं को इसके गुर सिखाए। आत्मरक्षा के टिप्स सीखने के लिए छात्राओं में गजब का जोश देखने को मिला। पहले तो वे कुछ हिचकिचाईं, बाद में जैसे-जैसे उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया, उन्होंने विशेषज्ञों से कई सवाल पूछे। कई तरह की विपरीत परिस्थितियों से निपटने के उन्होंने टिप्स जानें। विशेषज्ञ कृष्ण कुमार और विवेक मिश्रा ने न केवल आत्मरक्षा के गुर सिखाए बल्कि मौके पर अभ्यास भी कराया। इस अवसर पर संस्थापक एचएन जायसवाल, प्रधानाचार्या डॉ. अनूप कुमारी शुक्ला, उप प्रधानाचार्य सुधीर मिश्रा, नेहा द्विवेदी, मिथिलेश नायक समेत अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.