अपराजिता अभियान
अमर उजाला के अपराजिता : 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत 17 मार्च को विभिन्न जगह महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर आयोजन हुए। इस दौरान बेटियों को शिक्षा, आगे बढ़ने, अपराध न छुपाने की सीख दी गई। वहीं, महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया गया।
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स्वस्थ रहने के लिए सुधारें दिनचर्या : महराजगंज। हम आधुनिक जीवन शैली की बढ़ती हुई चुनौतियों से चिंतित हैं, जिसमें एक ओर कार्य का तनाव रहता है। वहीं,दूसरी ओर खाने-पीने व सोने की गलत आदतों का प्रभाव पड़ता है। वर्तमान स्थिति में फिट रहने के लिए योग सबसे अच्छा तरीका है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, सदर में आयोजित सेहत की पाठशाला में एसीएमओ डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने छात्राओं से यह बात कही। इस दौरान उन्होंने अन्य बीमारियों और उनके उपायों के बारे में भी बताया। साथ ही संतुलित आहार लेने की सीख दी।
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योग से रहें निरोग : देहरादून। स्वस्थ रहने का सबसे अच्छा माध्यम योग है। इससे आप स्वस्थ रहने के साथ खुद को चुस्त और दुरुस्त भी बना सकते हैं। कोटद्वार में आयोजित योग शिविर के दौरान प्रशिक्षकों ने यह बात कही। शिविर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। उन्हें अनुलोम-विलोम सहित विभिन्न बीमारियों को दूर करने के लिए उपयोगी योग के बारे में बताते हुए अभ्यास करवाया गया।
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चित्रों से कुरीतियों पर कटाक्ष : सीतापुर। आज भी समाज में दहेज प्रथा का चलन है। बेटियों को कोख में मारा जा रहा है। उन्हें पढ़ने भी नहीं भेजा जाता। क्या हम कभी इन सभी कुरीतियों को जड़ से मिटा पाएंगे। कुछ ऐसे ही संदेशों को चित्रों के माध्यम से बेटियों ने सामने रखे। मुन्ना लाल शारदा देवी इंटर कॉलेज कंदुनी में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान छात्राओं ने महिलाओं के सशक्तीकरण की आवाज भी उठाई।
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नशा छोड़ें, सदभाव से मनाएं त्योहार : चंपावत। होली के त्योहार पर खुशियां मनाएं, नशा नहीं करें। कई बार नशे में माहौल खराब हो जाता है। त्योहार की खुशियों भी खत्म सी हो जाती हैं। इसलिए ऐसा करने से बचें। चंपावत लोहाघाट में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही गई। इस दौरान महिला और पुरुष होलियारों को नशे से दूर रहने और अपने पूर्वजों की विरासत होली के संरक्षण और संवर्धन की शपथ दिलाई गई।
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व्यायाम को दिनचर्या का बनाएं हिस्सा : झांसी। स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि अपने खानपान के साथ ही दिनचर्या को भी बदला जाए। इसके अलावा दिनचर्या में व्यायाम को हिस्सा बनाएं। व्यायाम करके कई बीमारियों से खुद को बचाया जा सकता है। आशिक चौराहे के पास नई बस्ती में द सनशाइन क्लब के सहयोग से आयोजित शिविर में मरीजों से यह बात कही गई। इस दौरान मरीजों की मधुमेह, रक्तचाप सहित अन्य जांच निशुल्क की गई।
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मतदान का संकल्प : लखनऊ। हर एक वोट बहुमूल्य है। इसके माध्यम से जनप्रतिधियों का चुनाव होना है। इन जनप्रतिनिधियों के माध्यम से समाज की दशा और दिशा दोनों तय होती है। इसलिए लोकसभा चुनाव के लिए हम वोट जरूर करेंगी और बाकी लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगी। अमर उजाला कार्यालय में आयोजित महिला संवाद में कामकाजी महिलाओं के साथ-साथ होममेकर्स ने भी हिस्सा लिया। उनका कहना था कि महिलाओं में जागरुकता की कमी है। इसीलिए वे घर से लेकर बाहर तक हिंसा की शिकार हो रही हैं। हमें महिलाओं को सशक्त बनाना होगा, ताकि अपनी बात खुलकर कहें और यह समझ सकें कि उनके लिए क्या अच्छा और क्या बुरा है। इस साल सभी यह प्रण लें कि- पहले वोट पूजा, फिर पेट पूजा। सभी ने मतदान जरूर करने का संकल्प लिया।
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होली मिलन में नारी गरिमा का संकल्प : पिथौरागढ़। होली की उमंग के बीच महिलाओं ने एक-दूसरे पर जमकर गुलाल उड़ाया। इस दौरान महिला सशक्तीकरण और एकता की झलक देखने को मिले। होली पर्व के नजदीक आने पर महिला समूह की ओर से आयोजित होली मिलन समारोह में सभी महिलाओं ने त्योहार का लुत्फ उठाया। इस दौरान सभी ने सशक्तीकरण के लिए एकजुट होने की बात कही।
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स्वच्छता अभियान चलाया : उधमसिंहनगर। रुद्रपुर की मलिन बस्ती ट्रांजिट कैंप में युवाओं की ओर से सफाई अभियान चलाया जा रहा है। युवाओं की टीम पूरे जोश के साथ क्षेत्र को साफ करने में जुटी हुई है। उनकी इस पहल को देखकर क्षेत्रवासी भी उनका साथ दे रहे हैं। युवाओं का कहना है कि क्षेत्र स्वच्छ रहेगा तो मच्छर और मक्खियां नहीं पनपेंगे और आसपास के लोगों में बीमारियों का खतरा भी नहीं रहेगा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.