अपराजिता अभियान
जमीन से लेकर आसमान तक अब महिलाओं का परचम हैं। महिलाएं अब राजनीति में मुखिया बनने लगी हैं, तो हवाई जहाज भी उठा रही हैं। इन महिलाओं से उन्हें प्रेरणा लेनी चाहिए जो घर की चारदीवारी में रहती हैं। उन्हें अपनी बेटियों को पढ़ा लिखाकर कामयाब बनाना चाहिए। अमर उजाला के अपराजिता अभियान के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही गई। इस दौरान आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देते हुए बेटियों से कहा गया कि वे खुद को असहाय नहीं समझें और खुद को इतना मजबूत बनाएं कि हर विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकें। इस दौरान बड़ी संख्या में शपथ पत्र भरते हुए नारी गरिमा को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लिया गया।
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स्वास्थ्य का रखें ध्यान : संकबीरनगर। बेटियों को पढ़ाई के साथ ही अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। इसी से वे आगे बढ़ सकेंगी। स्वास्थ्य ठीक होने पर जब वे मन लगाकर पढ़ाई कर सकेंगी तो कामयाब भी हो जाएंगी। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बघौली में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह ने छात्राओं से यह बात कही। इस अवसर पर 171 बेटियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा जरूरी दवाइयां व आयरन की गोली वितरित की गई। सभी ने अपराजिता शपथ भी ली।
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बेटियां बनें मजबूत : बलरामपुर। बेटियों को खुद को मजबूत बनाना चाहिए। उन्हें खुद की रक्षा करनी आनी चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपराधियों का मुकाबला कर सकें। कस्तूरबा गांधी आर्य बालिका विद्यालय बलरामपुर देहात में आयोजित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में छात्राओं को यह सीख दी गई। इस दौरान उत्तर प्रदेश ताइक्वांडो टीम के प्रशिक्षक जिया उल हशमत तथा उनके खिलाड़ियों ने छात्राओं को आत्मरक्षा के टिप्स सिखाए। शिविर में सभी ने अपराजिता संकल्प लिया।
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मतदान का महत्व समझाएं : सिद्धार्थनगर। मतदान एक पर्व है। इस पर्व को पूरे उल्लास के साथ मनाया जाना चाहिए। हर मतदाता का कर्तव्य है कि वह वोट जरूर दे। इसी से सशक्त सरकार चुनी जा सकती है। लाल बहादुर शास्त्री लघु माध्यमिक विद्यालय में आयोजित लोकतंत्र की पाठशाला के दौरान तहसीलदार अरविंद कुमार ने यह बात कही। उन्होंने मतदान को लेकर लोगों को जागरूक करने का विद्यार्थियों को संकल्प दिलाया। इस दौरान सभी ने नारी गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लिया।
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स्वरोजगार से सशक्त हों महिलाएं : संभल। महिलाओं को समाज में बराबरी पानी है तो संघर्ष करना होगा। समाज को बताना होगा कि वे किसी से कम नहीं हैं। इसके लिए आपको भी आर्थिक मजबूती लानी होगी। स्वरोजगार के जरिए आप इसे पा सकते हैं। कस्तूरबा सिलाई केंद्र चंदौसी में महिला सशक्तीकरण पर आयोजित संगोष्ठी में संगीता भार्गव ने महिलाओं से यह बात कही। इस दौरान सभी ने अपराजिता शपथ भी ली।
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बेटियां डरे नहीं, करें मुकाबला : डलमऊ (रायबरेली)। यदि कोई परेशान कर रहा है। छींटाकशी कर रहा है तो बेटियां डरें नहीं, बल्कि हिम्मत से उनका मुकाबला करें। नेहरू स्मृति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरारा बुजुर्ग में आयोजित महिला आत्मरक्षा कार्यक्रम में बेटियों को आत्मरक्षा के तौर तरीके बताए गए। डलमऊ मार्शल ऑफ ताइक्वांडो क्लब का मास्टर ट्रेनर मेहताब आलम और उनके सहयोगी द्वारा छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के टिप्स बताए गए। साथ ही कहा गया कि आज के दौर में महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए स्वयं को मजबूत बनाना चाहिए, जिससे कहीं भी अपनी सुरक्षा कर सकें। कार्यक्रम में डलमऊ मार्शल ऑफ ताइक्वांडो क्लब के अयान मंसूरी, विपिन यादव, साहिल, मंगेश रावत और अल्ताफ ने बेटियों को आत्मरक्षा के टिप्स बताए।
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भयमुक्त होकर आगे बढ़ें : अंबेडकरनगर। युवतियां भयमुक्त होकर अपनी सफलता करने के लिए आगे बढ़ें। किसी प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिए उन्हें आत्मरक्षा का प्रारंभिक प्रशिक्षण जरूर लेना चाहिए। राम लौट श्यामा देवी इंटर कॉलेज दहिरपुर में आयोजित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में ताइक्वांडो प्रशिक्षक मंगेश ने छात्राओं से यह बात कही। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे सफलता के पायदान पर तभी आगे बढ़ सकती हैं, जब उनमें किसी प्रकार का भय नहीं होगा। परिस्थिति प्रतिकूल हो तो भी हार मानने की बजाय डटकर मुकाबला करना चाहिए। शिविर में 480 छात्राओं ने प्रशिक्षण लिया।
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बेटियों ने सीखा मार्शल आर्ट : गोंडा। वक्त बदल गया है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्हें आत्मरक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहिए। आज महिलाएं जहां सेना और पुलिस में साहस के साथ आगे बढ़ रही हैं, वहीं बड़ी संख्या में महिलाएं खुद पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज तक नहीं उठा पातीं। अब उन महिलाओं को खुद को बदलना चाहिए। शहर के गांधी पार्क में आयोजित मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण के दौरान ताइक्वांडो कोच प्रत्यूष राज ने छात्राओं से यह बात कही।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.