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भारतीय भाषाओं को बचाने में जुटीं नूतन

Published - Wed 06, Mar 2019

अपराजिता फेस ऑफ कल्चर

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लखनऊ। इन दिनों शहर में भारतीय भाषाओं व बोलियों को बचाने की एक अनूठी मुहिम छिड़ी हुई है। कभी किसी के घर की बैठक, कभी किसी स्कूल तो कभी किसी ऑडिटोरियम में कुछ लोग आपको अलग-अलग कहानियों का पाठ करते मिल जाते हैं। दरअसल कहानियों, भारतीय भाषाओं और बोलियों को बचाने की इस अनूठी पहल को नाम दिया गया है कथा कथन। इसके लखनऊ चैप्टर की शुरुआत करने का श्रेय जाता है आकाशवाणी की वरिष्ठ उद्घोषिका नूतन वशिष्ठ व उनकी टीम को। नूतन बताती हैं, कथा कथन की शुरुआत मार्च 2016 में मुंबई में जमीर गुलरेज ने की। उनकी पत्नी रेखा राव मेरी अच्छी मित्र हैं। उनसे हमें जानकारी मिली। यह कोशिश कुछ अच्छी सी लगी, बस लखनऊ चैप्टर की 2017 में शुरुआत हो गई। इसके बाद हम लोगों ने इलाहाबाद चैप्टर शुरू किया।

लोगों से जुड़ने की कोशिश : नूतन बताती हैं कि पुनीता और अनुपमा शरद हमारी एक्टिव मेंबर हैं। हम स्कूल-स्कूल संपर्क करते हैं। बाल संरक्षण गृह तक जाते हैं। हमारा मानना है कि यदि एक भी युवा को कहानी समझ आ गई तो वह इंटरनेट पर सर्च करेगा, इससे साहित्य अन्य लोगों तक पहुंचेगा।

नूतन वशिष्ठ, उद्घोषिका