यदि कोई छेड़छाड़ या भिड़ने का प्रयास करता है तो उसको मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बेटियां तैयार रहें। जब तक आप सशक्त और मजबूत नहीं बनोगी, लोग उसका फायदा उठाते रहेंगे। यह विचार नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज में अमर उजाला के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत कराटे एसोसिएशन ऑफ गाजियाबाद के अध्यक्ष संतोष कुमार ने छात्राओं के समक्ष रखे।
गाजियाबाद। रास्ते में चलते समय छात्राओं को अलर्ट रहना चाहिए। यदि कोई छेड़छाड़ या भिड़ने का प्रयास करता है तो उसको मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बेटियां तैयार रहें। जब तक आप सशक्त और मजबूत नहीं बनोगी, लोग उसका फायदा उठाते रहेंगे। यह विचार नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज में अमर उजाला के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत कराटे एसोसिएशन ऑफ गाजियाबाद के अध्यक्ष संतोष कुमार ने छात्राओं के समक्ष रखे। उन्होंने छात्राओं को सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए। साथ ही अभ्यास भी कराया, जिससे वह किसी भी असामाजिक तत्वों से लड़ सकें। छात्राओं के प्रत्येक सवाल का जवाब भी सरलता से दिया।
बुधवार को सिहानी गांव स्थित नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज में 600 से अधिक छात्राओं को जूडो प्रशिक्षक संतोष कुमार ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि छात्राएं प्रतिदिन अकेले ही घर से स्कूल और स्कूल से घर जाती हैं। रास्ते में देखने को मिलता है कि कुछ मनचले या असामाजिक तत्व छेड़छाड़ करने लगते हैं। डर के कारण छात्राएं विरोध नहीं करती और घर आकर भी अभिभावकों को नहीं बताती हैं। यह बहुत गलत परंपरा है। रास्ते में किसी भी तरह की कोई घटना होती है तो उसके बारे में स्कूल के अंदर शिक्षिका और घर में माता-पिता को जरूर बताएं। अगर, आप ऐसा नहीं करते हैं तो कोई भी घटना होने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने छात्राओं को मुसीबत के समय असामाजिक तत्वों से लड़ना सिखाया। इस दौरान छात्राओं को विभिन्न सुरक्षात्मक उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया और आत्मरक्षा के टिप्स से भी अवगत कराया गया। कहा कि आत्मरक्षा के लिए किसी उपकरण या हथियारों की आवश्यकता नहीं है। थोड़ी सावधानी, सतर्कता एवं आत्मविश्वास के साथ हम किसी भी दुर्घटना से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी काम हिम्मत, साहस और मजबूत इरादों के साथ करना चाहिए। हर लड़की को आत्मसुरक्षा के टिप्स आने चाहिए। उन्हें अनिवार्य रूप से जूडो कराटे सीखने चाहिए।
छात्राओं ने किए सवाल
छात्राओं ने भी कोच से विभिन्न सवाल किए। उन्होंने कहा कि रास्ते में चार से पांच लड़के छेड़छाड़ करते हैं तो उनसे कैसे निपटा जाए, यदि अंधेरा हो रहा है लड़की के पास कोई हथियार नहीं है तो वह अकेले में कैसे बच सकती है। साथ ही एक छात्रा ने कहा कि कई सारे लोगों को देखकर महिला विरोध करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाएंगी। इन सवालों के जवाब भी प्रशिक्षक ने दिए। छात्राओं को विस्तार से समझाया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.