वाराणसी। हौंसले और आत्मरक्षा की तकनीक से छेड़खानी करने वालों को मुंहतोड़ जवाब आसानी से दिया जा सकता है। अमर उजाला फाउंडेशन, अपराजिता : 100 मिलियन स्माइल्स और मानव एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स की ओर से चार मई को दो स्कूलों में आयोजित कराटे शिविर में ये बातें छात्राओं को बताई गईं।
वाराणसी। हौंसले और आत्मरक्षा की तकनीक से छेड़खानी करने वालों को मुंहतोड़ जवाब आसानी से दिया जा सकता है। अमर उजाला फाउंडेशन,
अपराजिता : 100 मिलियन स्माइल्स और मानव एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स की ओर से चार मई को दो स्कूलों में आयोजित कराटे शिविर में ये बातें छात्राओं को बताई गईं। राधा कृष्ण विद्यालय बजरडीहा में प्रधानाचार्य अनिता सिंह ने शिविर का उद्घाटन किया। पहले दिन 100 छात्राओं ने इसमें भाग लिया। मानव एके डमी ऑफ मार्शल आर्ट्स की ट्रेनर ज्योति सिंह, अनिता प्रजापति और कुजंन मौर्या ने प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकरामनरेश पाल, अनिल वर्मा, सचिन राय, संतोष वर्मा, स्वाति प्रजापति आदि मौजूद रहीं। गगन मेमोरियल पब्लिक स्कूल मोढ़ैला में प्रधानाचार्य डॉ. सरोज रायने शिविर का शुभारंभ किया, जहां 200 छात्राओं ने हिस्सा लिया। छात्राओं को कराटे के माध्यम से आत्मरक्षा और सामने वाले को घायल करने के प्रारंभिक दांवपेच सिखाए गए। एकेडमी की ट्रेनर ज्योति सिंह,अनिता प्रजापति ने कहा कि इस प्रशिक्षण से आप शारीरिक रूप सेमजबूत होंगी ही, साथ ही आपका मनोबल भी बढ़ेगा। ट्रेनर विवेक पटेलऔर ज्योति उपाध्याय ने छात्राओं को किक और पंच मारना सिखाया। यह शिविरएकेडमी के महासचिव सेंसई किसलय मानव और सिहान एचएन सिंह की देखरेख मेंसंचालित हो रहा है।
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अमर उजाला और मानव एकेडमी की ये पहल अच्छी है। छात्राएं हर परिस्थिति का सामना करने की तकनीक जान सकेंगी ।
- अनिता सिंह, प्रधानाचार्या, राधा कृष्ण विद्यालय, बजरडीहा।
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छात्राएं मानसिक रूप से ही नहीं शारीरिक रूप से भी सशक्त हों, इसके लिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देना जरूरी है।
- डॉ. सरोज राय, प्रधानाचार्या, मोढ़ैला
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.