लाला लाजपतराय डिग्री कॉलेज में सेल्फ डिफेंस कैंप के दौरान जूडो कोच परवेज अली ने छात्राओं को आत्मरक्षा के हुनर सिखाए। उन्होंने छात्राओं और शिक्षिकाओं को बताया कि नजर और धूप का चश्मा किस तरह मुसीबत के समय उनका हथियार बन सकता है।
साहिबाबाद। कोई आपको पीछे से पकड़ता है तो आप नीचे झुककर उसकी एक टांग खींचकर उसे गिरा सकती हैं। ऐसे ही कई गुर बृहस्पतिवार को छात्राओं ने सीखे। अमर उजाला अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत ‘अपनी सुरक्षा अपने हाथ’ सेल्फ डिफेंस की कार्यशाला का श्यामपार्क स्थित लाला लाजपतराय डिग्री कॉलेज में आयोजन किया गया।
सेल्फ डिफेंस कैंप के दौरान जूडो कोच परवेज अली ने छात्राओं को आत्मरक्षा के हुनर सिखाए। उन्होंने छात्राओं और शिक्षिकाओं को बताया कि नजर और धूप का चश्मा किस तरह मुसीबत के समय उनका हथियार बन सकता है। इस दौरान जूडो ट्रेनर परवेज अली ने बताया कि कोई यदि जबरदस्ती करीब आने की कोशिश करता है और आपने चश्मा या हेयरबैंड लगा रखा है तो उसे निकालकर उसकी आंखों में मारकर आप अपना बचाव कर सकती हैं।
वहीं एक छात्रा के सवाल के जवाब में जूडो कोच ने बताया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यदि कोई गलत तरीके से छूने की कोशिश करता है तो आप अपनी कोहनी का इस्तेमाल कर उसे मार सकती हैं। परवेज अली ने छात्राओं को कहा कि किसी भी विपरीत परिस्थिति में प्रजेंट माइंड होना और आत्मविश्वास बनाए रखना बहुत जरूरी है। कई बार लड़कियां डरकर लड़ने की क्षमता खो देती हैं। किसी विपरीत परिस्थिति से निकलने के लिए उससे लड़ना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने छात्राओं को उनके पास हर पल मौजूद सामग्री को हथियार कैसे बनाया जा सकता है यह सिखाया। छात्राओं को बताया गया कि चश्मा, पानी की बोतल, कंघा और अपने दुपट्टे को अपना हथियार बनाया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं ने मंच पर जूडो टिप्स का ट्रायल किया।
महिलाओं के हथियार
कंघा, कड़ा, हेयर पिन, चश्मा, सैंडल, दुपट्टा, सेफ्टीपिन, आईकार्ड, मोबाइल
परिचर्चा
मैं पहली बार इस तरह की कार्यशाला में शामिल हुई हूं। डेढ़ घंटे में ही बहुत कुछ सीखने को मिला है। अब कभी भी सड़क पर विपरीत स्थिति से लड़ने की हिम्मत और आत्मविश्वास बढ़ गया है। - श्वेता
कैंप के जरिए ही मैंने जाना कि हमारे पास जो सामान लगभग हमेशा होते हैं। उसे हम किस तरह हथियार के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। - दिव्या पांडेय
कैंप में बहुत कुछ सीखने को मिला है। साथ ही हिचकिचाहट भी दूर हुई है। जितने भी टिप्स बताए गए हैं। मैं इन्हें अपनी सहेलियों को भी बताऊंगी। - नेहा सिंह
इससे पहले यूट्यूब पर तो देखा है लेकिन आज हमने खुद भी प्रैक्टिस की यह काफी अच्छा रहा। अब ऐसा लगता है कि विपरीत परिस्थिति में न केवल अपनी मदद कर सकती हूं बल्कि दूसरों की भी मदद करने में सक्षम हूं। - शालिनी
हमने एक घंटे में जो कुछ भी सीखा, वह हमें जीवन भर याद रहेगा। खास बात यह रही कि कैंप ज्वाइन करने के बाद हमारा आत्मविश्वास बढ़ गया। - पूजा
यह बेहद अविस्मरणीय कार्यशाला रही। इसमें बताई गई एक-एक बात जीवन भर याद रहेगी। - विशाखा
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.