Aparajita
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महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

बाल व महिला अधिकारों की पैरोकार डॉ. स्मृति

Published - Tue 05, Mar 2019

अपराजिता सोशल फाइटर्स

aparajita social fighter dr. smriti singh lucknow

बस कुछ करने की चाहत में 1999 में यूं ही महिला समाख्या से जुड़ गई। मुख्य रूप से सरकारी सहयोग से चल रहा यह संगठन बेसिक शिक्षा के जरिेए महिलाओं के उत्थान में लगा था। वक्त के साथ-साथ दायरे बढ़े और हम बाल शोषण, बाल विवाह और घरेलू हिंसा के खिलाफ सक्रिय हुए। यह कहना है महिला समाख्या की स्टेट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. स्मृति सिंह का। उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में बाल व महिला अधिकारों के हक की लड़ाई लड़ रही हैं स्मृति।

संवाद से संगठन की ओर
स्मृति बताती हैं कि सामुदायिक संगठन या संघ निर्माण के जरिए काम कर रहे हैं। यही स्वयंसेवी कार्यकर्ता चेंजमेकर्स की भूमिका निभा रहे हैं। हम इन्हीं लोगों के जरिए समस्या प्रधान इलाकों तक जाते हैं। साक्षरता दर, हिंसा की दर और लिंगानुपात में अंतर के आधार पर क्षेत्र चुनते हैं काम करने के लिए। अभी तक उत्तर प्रदेश में हम 2.5 लाख महिला शैक्षिक कार्यकर्ता तैयार कर चुके हैं। ये सीधे 10 लाख परिवारों से जुड़ी हैं। यह एकमात्र ऐसा कार्यक्रम है जो महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है। मजरा, पंचायत, ब्लॉक , जिला और राज्य तक तैयार हो चुका है हमारा नेटवर्क। एक साल में हम घरेलू हिंसा के 20 हजार से अधिक मामले सुलझा चुके हैं।

फलसफा जिन्दगी का : आप सही हैं तो आत्मविश्वास से स्वीकार कीजिए, डरने की जरूरत नहीं।’

- डॉ. स्मृति सिंह
स्टेट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, महिला समाख्या