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बेटियों की रक्षक बनीं ओम कुमारी

Published - Tue 05, Mar 2019

अपराजिता सोशल फाइटर्स

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पेशे से वे एक साइकोलॉजिस्ट हैं। अच्छी-खासी नौकरी कर रही थीं। एक दिन मन में आया और नौकरी छोड़कर जुट गईं बेटियों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने की खातिर। वे न केवल बच्चों की निशुल्क काउंसलिंग करती हैं, बल्कि उन्हें कैसे तनावमुक्त रखा जाए, इसके लिए अभिभावकों की भी काउंसलिंग करती हैं। नशामुक्ति हो या फिर लड़कियों को पर्सनल हाइजीन की ट्रेनिंग देना, या फिर छेड़छाड़ के खिलाफ आवाज बुलंद करनी हो, चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन की ओम कुमारी हर मोर्चे पर सजग और खड़ी नजर आएंगी।

नशामुक्ति से लेकर पर्सनल हाइजीन तक
ओम बताती हैं, सरकारी स्कूलों की अधिकतर बच्चियां कमजोर आर्थिक स्थिति वाले घरों से आती हैं। इस वजह से उनका रहन-सहन और सेहत बिल्कुल खराब होती है। हम स्कूलों में जाते हैं, बच्चियों से संवाद करते हैं और साफ-सफाई का महत्व बताते हैं। ओम वीमेन पावर लाइन के साथ जुड़कर छेड़छाड़ के खिलाफ अभियान भी चलाती रही हैं। इसके अलावा इंदिरानगर की बस्ती में नशामुक्ति के खिलाफ अभियान छेड़ने का श्रेय भी उन्हें जाता है। इन इलाकों में नशे की लत छुड़वाकर किशोरों को मुख्य धारा से जोड़ने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वरिष्ठ नागरिकों को निशुल्क दवा वितरण जैसे कामों में भी इनकी भागीदारी रहती है।

‘करने को बहुत कुछ है, करने वाले भी तैयार रहते हैं, आप पहल तो कीजिए।’
 ओम कुमारी
चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन