अपराजिता सोशल फाइटर्स
करीब 17 साल पहले एक लड़की अक्सर प्लेटफॉर्म पर बैठकर बच्चों को पढ़ाती दिख जाती थी। यह काम वह घरवालों से छिपाकर किया करती थी। क्योंकि उनकी नाराजगी का डर था। एक दिन हिम्मत जुटाकर घरवालों को बता दिया, हालांकि उसकी कोशिशों को घरवालों ने सराहा। फिर दुबग्गा में नींव रखी गई आस्था किरन गर्ल्स एजुकेशन स्कूल नई रोशनी की। 30 बच्चों से शुरुआत की थी, जो 220 तक पहुंच गई। यहां की बच्चियां अब बोर्ड का एग्जाम देंगी।
खोला सामाजिक विद्यालय
सोनिया बताती हैं, शुरू से ही अभावग्रस्त, अनाथ बच्चों के लिए काम करना चाहती थी। आस्था किरन की शुरुआत से एक राह मिली तो स्प्रिंगडेल में सामाजिक विद्यालय खोला। यहां भी झुग्गी-झोपड़ी के बच्चे पढ़ने आते हैं। सोनिया के मुतबिक, शिक्षा ही बदलाव का जरिया हो सकती है। इसलिए हमने इसे ही माध्यम बनाया है। जब तक बेटियां शिक्षित नहीं होंगी, तब तक बेहतर समाज का निर्माण संभव नहीं है।
'शिक्षा ही वह जरिया है, जो सोच में बदलाव लाती है और इससे सामाजिक परिवर्तन होते हैं।'
-सोनिया सिंह
आस्था किरन गर्ल्स एजुकेशन, नई रोशनी
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.