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प्लेटफॉर्म पर गरीब बच्चों को पढ़ाती थी, घरवालों को पता चला तो खुलवा दिया स्कूल

Published - Tue 05, Mar 2019

अपराजिता सोशल फाइटर्स

aparajita social fighter sonia singh lucknow

करीब 17 साल पहले एक लड़की अक्सर प्लेटफॉर्म पर बैठकर बच्चों को पढ़ाती दिख जाती थी। यह काम वह घरवालों से छिपाकर किया करती थी। क्योंकि उनकी नाराजगी का डर था। एक दिन हिम्मत जुटाकर घरवालों को बता दिया, हालांकि उसकी कोशिशों को घरवालों ने सराहा। फिर दुबग्गा में नींव रखी गई आस्था किरन गर्ल्स एजुकेशन स्कूल नई रोशनी की। 30 बच्चों से शुरुआत की थी, जो 220 तक पहुंच गई। यहां की बच्चियां अब बोर्ड का एग्जाम देंगी।

खोला सामाजिक विद्यालय
सोनिया बताती हैं, शुरू से ही अभावग्रस्त, अनाथ बच्चों के लिए काम करना चाहती थी। आस्था किरन की शुरुआत से एक राह मिली तो स्प्रिंगडेल में सामाजिक विद्यालय खोला। यहां भी झुग्गी-झोपड़ी के बच्चे पढ़ने आते हैं। सोनिया के मुतबिक, शिक्षा ही बदलाव का जरिया हो सकती है। इसलिए हमने इसे ही माध्यम बनाया है। जब तक बेटियां शिक्षित नहीं होंगी, तब तक बेहतर समाज का निर्माण संभव नहीं है।


'शिक्षा ही वह जरिया है, जो सोच में बदलाव लाती है और इससे सामाजिक परिवर्तन होते हैं।'
-सोनिया सिंह
आस्था किरन गर्ल्स एजुकेशन, नई रोशनी