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खेतों में हल चलाया, फुलहानी ने बेटों को फौजी बनाया

Published - Wed 06, Mar 2019

अपराजिता वीर नारी

aparajita veer nari fulhani devi/ shaheed udyan singh agra

फुलहानी देवी, शहीद उदयन सिंह

आगरा। फुलहानी देवी के जीवन पथ पर कांटे ही कांटे थे। परिजनों ने मुंह मोड़ लिया। पति चाहते थे कि बेटे फौज में जाएं। वीर नारी ने हिम्मत नहीं हारी। घर को संभाला, खेती को संभाला, खेतों में हल तक चलाया, घर पर चक्की लगाकर गेहूं तक पीसे लेकिन लक्ष्य पर निशाना रखा। लोग कहते थे कि पुरुषों वाले काम कर रही हो, लेकिन कभी परवाह नहीं की। तकलीफें सहती रहीं पर मंजिल की तरफ कदम बढ़ते रहे। बेटे अनूप सिंह, सुघर सिंह को तालीम दिलाकर सेना में भर्ती कराया। इस परिवार का जज्बा देखिए अनूप सिंह का बेटा अरविंद भी सेना में है।

शहादत
पुरा चौधरी के उदयन सिंह 1971 में शहीद हुए थे। वीर नारी फुलहानी देवी के सामने 12 साल के भारत सिंह, 10 साल के अनूप सिंह और एक साल के सुघर सिंह की परवरिश की चुनौती थी। सरकार से भी इतनी मदद नहीं मिली। उन्होंने अपनी मेहनत से पति के सपने को पूरा किया।