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कलावती ने बेटों को फौजी बनाकर पूरा किया पति का सपना

Published - Wed 06, Mar 2019

अपराजिता वीर नारी

कलावती, शहीद राज बहादुर सिंह
सूबेदार
राज बहादुर सिंह की शहादत से परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। सबसे बड़ी परीक्षा थी उनकी पत्नी कलावती के सामने। एक तो बच्चों की परवरिश करनी थी। दूसरा, पति के सपने को पूरा करना था। राज बहादुर चाहते थे कि उनके बच्चे भी फौज में जाएं। वीर नारी ने हिम्मत नहीं हारी। बड़ा बेटा रमेश पांचवीं में था। छोटा सुरेश तीसरी में। वीर नारी ने खेत खलिहान तक मेहनत की। बच्चों को फौजी बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। जिंदगी का ध्येय बना लिया बेटों को फौज में भर्ती कराने का। इसमें सफलता मिली। दोनों बेटे फौजी बने। वीर नारी का नाती दीपक भी सेना में है।

शहादत
1971
की जंग में बाह के फतेहपुरा गांव के सूबेदार राज बहादुर सिंह वीरगति को प्राप्त हुए। नाम की तरह अदम्य साहस था उनमें। पाक की चौकी पर तिरंगा फहरा दिया। जान चली गई, पर झंडे की शान नहीं जाने दी।