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पति के शहीद होने के बाद कमलेश ने संभाली गैस एजेंसी

Published - Sat 09, Mar 2019

अपराजिता वीर नारी

मथुरा। सोरन सिंह जब शहीद हुए तो उनके तीन बच्चे थे। एक बेटी तो छह महीने की ही थी। बच्चों की जिम्मेदारी उनकी पत्नी कमलेश सिंह कुंतल पर आ गई। तीन छोटे छोटे बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी भी कमलेश पर आ गई थी। कमलेश ने बच्चों के लिए काफी संघर्ष किया। सरकार ने गैस एजेंसी इन्हें आवंटित की थी। गैस एजेंसी का संचालन भी कमलेश सिंह कुंतल ने ही किया। उनका कहना है कि पति का सपना था कि बच्चे पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो जाएं। आज सभी कामयाब हैं। कमलेश का कहना है कि वह अपने नाती को सेना में भेजेंगी।

शहादत

गोवर्धन के गांव नगला उम्मेद की नगरिया निवासी सोरन सिंह कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। उनके शरीर पर कई गोलियां लगीं थीं। सोरन सिंह ने दुश्मनों को कई दफा पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। जांबाज सोरन सिंह देश पर कुर्बान हो गए थे।