अपराजिता वीर नारी
मैनपुरी। शहीद प्रवीन कुमार की पत्नी सुमन यादव ने प्रवीन के शहीद होने के बाद परिवार की जिम्मेदारी संभाली। सरकार ने उन्हें एक गैस एजेंसी दी है। छोटा बेटा अजय यादव गैस एजेंसी का संचालन कर रहा है। वहीं सुमन चाहती हैं कि उनका बड़ा बेटा ललित सेना में भर्ती होकर सीमा की रक्षा करने का कार्य करे। सुमन का हाल ही में हुए हमले का लेकर कहना है कि देश के प्रधानमंत्री को चाहिए कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए कोई स्थाई रास्ता निकालें, जिससे कि अन्य किसी बहन के माथे का सिंदूर न मिट सके। उनका कहना है कि देश की रक्षा के लिए जो लोग शहीद हुए, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। हाल ही में शहीद हुए जवानों की पत्नियों के लिए वे कहती हैं कि वे लोग धैर्य से काम करें। देश हित में उनका पति गया है, जिससे भारत माता का सिर ऊंचा हुआ है। वे मांग करती हैं कि शहीदों की पत्नियों को हर प्रकार से सरकार मदद करे। उनका कहना है कि पति के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए वह हरसंभव प्रयास कर रही हैं।
शहादत
गांव अंजनी के ग्रेनेडियर सिपाही प्रवीन कुमार ने दुश्मनों से लोहा लेते हुए तीन जून 1999 को शहादत पाई थी। उन्होंने अपने साथी मुनीष कुमार के साथ मिलकर कई दुश्मनों को मारने के बाद सीमा की रक्षा करते बलिदान दे दिया था। गांव में बना स्मारक उनके बलिदान और शौर्य की गवाही दे रहा है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.