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कंधे से कंधा मिलाएंगे, घर खर्च में हाथ भी बटाएंगे

Published - Mon 24, Feb 2020

लघु और कुटीर उद्योग लगाकर महिलाएं स्वरोजगार के जरिए खुद के साथ ही अपने परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकती हैं। कई कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें घर बैठे किया जा सकता है।

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काशीपुर। लघु और कुटीर उद्योग लगाकर महिलाएं स्वरोजगार के जरिए खुद के साथ ही अपने परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकती हैं। कई कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें घर बैठे किया जा सकता है। स्वरोजगार के लिए सरकार की ओर से 25 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। यह बातें राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के प्रभारी पुनीत कुमार ने अमर उजाला अपराजिता 100 मिलियन स्माइल कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंची महिलाओं से कहीं। विद्यांचल कालोनी स्थित समाज सेवी सरोज ठाकुर के आवास पर हुए कार्यक्रम में पीडब्लूसी एग्रोटेक की संचालिका दिव्या बेलवाल ने महिलाओं मशरूम उत्पादन की भी जानकारी दी। इस दौरान महिलाओं ने स्वरोजगार से जुड़े कई सवाल भी पूछे।

लघु उद्योग, कुटीर उद्योग के माध्यम से दिया जाता है प्रशिक्षण
कशीपुर। पुनीत कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम की ओर से लघु एवं कुटीर उद्योग के लिए महिलाओं और पुरुषों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाता है। कक्षा आठ, हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और ग्रेज्युएट लोग कई तरह के स्वरोजगार कर सकते हैं। महिलाओं को ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर, जूस बनाने जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। लोन के बारे में पूछे जाने पर पुनीत कुमार ने बताया कि अलग-अलग स्वरोजगार के लिए आठ लाख से लेकर 25 लाख तक का लोन बैंक से मिल जाता है। बैंक से लिए गए लोन पर सरकार से अनुदान भी मिलता है। उन्होंने कहा कि जो नौकरी करना चाहता है उसे नौकरी प्राप्त करने में भी सहयोग किया जाता है।

एक कमरे में भी कर सकते हैं मशरूम उत्पादन
पीडब्लूसी एग्रोटेक की दिव्या बेलवाल ने कहा कि महिलाएं कुटीर उद्योग के जरिए परिवार की आर्थिक मदद कर सकती है। इसके लिए मशरूम उगाना सबसे सुविधाजनक और कम रुपयों में लगने वाला उद्योग है। उन्होंने बताया कि मशरूम तीन तरह के होते हैं, मिल्की, बटन और ऑयस्टर। तीनों प्रकार के मशरूम हर घर में सहजता से उगाए जा सकते हैं। ऑयस्टर मशरूम उत्पादन के लिए एक छोटा सा कमरा ही काफी है। भूसे को उपचारित करके पॉलिथीन थैली में भरा जाता है। उसमें बीज मिलाया जाता है। थैली को बंद अंधेरे कमरे में रख दिया जाता है। मशरूम की मार्केट में डिमांड अधिक है। महिलाएं सहजता से यह काम कर सकती हैं। इससे अच्छा रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। समाज सेवी सरोज ठाकुर ने कहा कि महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर नमकीन, पापड़, अचार मुरब्बा भी बना सकती हैं। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के गठन की जानकारी ली।

ऐसे करें ऑयस्टर मशरूम की खेती

  • देहरादून और पंतनगर से उपलब्ध हो जाता है बीज
  • करीब 100 से 200 रुपये में मिलता है बीज
  • 56 दिन में तैयार हो जाता है मशरुम
  • एक हजार रुपये किलो है बाजार में मशरूम की कीमत
  • एक कमरे में भी उगा सकते हैं मशरूम, कमरा होना चाहिए हवादार
  • दो से तीन किलो मशरूम उगाने में आता है 800 रुपये तक का खर्चा
  • 15 से 16 दिन में अंकुरित होने लगती है मशरूम की फसल
  • 16 दिन के बाद कमरे का तापमान 20 से 22 डिग्री होना चाहिए।
  • 80 प्रतिशत तक आद्रता होनी जरूरी।

ऐसे मिलता है प्रशिक्षण व लोन

  • आवेदक को प्रशिक्षण के लिए करना होता है आवेदन
  • महिलाओं को तीन महीने का मिलता है निशुल्क प्रशिक्षण
  • प्रशिक्षण के लिए देना होता है आधार कार्ड, दो फोटो, हाईस्कूल का प्रमाण पत्र
  • प्रशिक्षण के बाद तैयार कराई जाती है प्रोजेक्ट रिपोर्ट।
  • स्वरोजगार के लिए बाद ऑन लाइन होती है प्रक्रिया
  • जिला उद्योग में साक्षात्कार के बाद लोन होता है पास
  • जिला उद्योग से लोन पास होने के बाद बैंक में सभी डिटेल देने के बाद मिलता है लोन
  • प्रशिक्षण प्रमाण के आधार पर महिलाओं को गांव में स्वरोजगार के लिए 35 प्रतिशत और शहर में 25 प्रतिशत का मिलता है अनुदान।

 

  • महिलाएं घर पर ही सिलाई कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर का काम सीख कर यह काम कर सकती हैं। बैंक से लोन कैसे हो सकता है इसकी जानकारी आज मिली है। - प्रीति सागर
  • घरेलू कुटीर उद्योग लगा कर घर बैठे रोजगार किया जा सकता है। घर में दालों की नमकीन, पापड़ बनाकर बेचा जा सकता है इस काम में अच्छी आय भी है। - झूमा सक्सेना
  • महिलाओं को संगीत का प्रशिक्षण दिया जाए तो महिला संगीत व कीर्तन पार्टी बनाकर भी रुपये कमा सकती हैं। संगीत में रुचि रखने वाली बुजुर्ग महिलाओं को भी जोड़ा जा सकता है। - कमलेश
  • बेरोजगार महिलाओं का समूह बनाकर पशु पालन का प्रशिक्षण दिया जाए तो बैंक से मिले लोन पर डेयरी खोली जा सकती है। पशुओ का दूध बेच कर भी महिलाएं अच्छा मुनाफा कमा सकती है। - सुशीला देवी
  • स्वरोजगार के लिए मशरुम उगाने का काम भी किया जा सकता है। मशरुम पालन में पूंजी भी बहुत कम लगती और बाजार में डिमांड भी काफी है। - सविता देवी