लघु और कुटीर उद्योग लगाकर महिलाएं स्वरोजगार के जरिए खुद के साथ ही अपने परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकती हैं। कई कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें घर बैठे किया जा सकता है।
काशीपुर। लघु और कुटीर उद्योग लगाकर महिलाएं स्वरोजगार के जरिए खुद के साथ ही अपने परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकती हैं। कई कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें घर बैठे किया जा सकता है। स्वरोजगार के लिए सरकार की ओर से 25 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। यह बातें राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के प्रभारी पुनीत कुमार ने अमर उजाला अपराजिता 100 मिलियन स्माइल कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंची महिलाओं से कहीं। विद्यांचल कालोनी स्थित समाज सेवी सरोज ठाकुर के आवास पर हुए कार्यक्रम में पीडब्लूसी एग्रोटेक की संचालिका दिव्या बेलवाल ने महिलाओं मशरूम उत्पादन की भी जानकारी दी। इस दौरान महिलाओं ने स्वरोजगार से जुड़े कई सवाल भी पूछे।
लघु उद्योग, कुटीर उद्योग के माध्यम से दिया जाता है प्रशिक्षण
कशीपुर। पुनीत कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम की ओर से लघु एवं कुटीर उद्योग के लिए महिलाओं और पुरुषों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाता है। कक्षा आठ, हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और ग्रेज्युएट लोग कई तरह के स्वरोजगार कर सकते हैं। महिलाओं को ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर, जूस बनाने जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। लोन के बारे में पूछे जाने पर पुनीत कुमार ने बताया कि अलग-अलग स्वरोजगार के लिए आठ लाख से लेकर 25 लाख तक का लोन बैंक से मिल जाता है। बैंक से लिए गए लोन पर सरकार से अनुदान भी मिलता है। उन्होंने कहा कि जो नौकरी करना चाहता है उसे नौकरी प्राप्त करने में भी सहयोग किया जाता है।
एक कमरे में भी कर सकते हैं मशरूम उत्पादन
पीडब्लूसी एग्रोटेक की दिव्या बेलवाल ने कहा कि महिलाएं कुटीर उद्योग के जरिए परिवार की आर्थिक मदद कर सकती है। इसके लिए मशरूम उगाना सबसे सुविधाजनक और कम रुपयों में लगने वाला उद्योग है। उन्होंने बताया कि मशरूम तीन तरह के होते हैं, मिल्की, बटन और ऑयस्टर। तीनों प्रकार के मशरूम हर घर में सहजता से उगाए जा सकते हैं। ऑयस्टर मशरूम उत्पादन के लिए एक छोटा सा कमरा ही काफी है। भूसे को उपचारित करके पॉलिथीन थैली में भरा जाता है। उसमें बीज मिलाया जाता है। थैली को बंद अंधेरे कमरे में रख दिया जाता है। मशरूम की मार्केट में डिमांड अधिक है। महिलाएं सहजता से यह काम कर सकती हैं। इससे अच्छा रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। समाज सेवी सरोज ठाकुर ने कहा कि महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर नमकीन, पापड़, अचार मुरब्बा भी बना सकती हैं। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के गठन की जानकारी ली।
ऐसे करें ऑयस्टर मशरूम की खेती
ऐसे मिलता है प्रशिक्षण व लोन
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.