कोरोना से जंग लड़ने के लिए महिलाओं ने जनसेवा को हथियार बनाया है। कोई मास्क बना रहा है, तो कोई जरूरतमंदों के लिए खाने के पैकेट बनवा रहा है। महिलाएं कोरोना वायरस के बाद हुए लॉक डाउन में लोगों की मदद के लिए जमकर प्रयत्न कर रही हैं।
झांसी। कोरोना से जंग लड़ने के लिए महिलाओं ने जनसेवा को हथियार बनाया है। कोई मास्क बना रहा है, तो कोई जरूरतमंदों के लिए खाने के पैकेट बनवा रहा है। महिलाएं कोरोना वायरस के बाद हुए लॉक डाउन में लोगों की मदद के लिए जमकर प्रयत्न कर रही हैं। बस स्टैंड पर संचालित हो रही सामुदायिक रसोई का जिम्मा भी एक महिला ने संभाल रखा है। महिलाएं कहती हैं कि वे भी अपने स्तर से कोरोना से निपटने के लिए जो हो सकता है, वह करती हैं। वैश्विक महामारी को दूर करने के लिए सबको मिलकर प्रयत्न करने की जरूरत है। महिलाओं के जज्बे की लोग सराहना भी कर रहे हैं।
सामुदायिक रसोई का कर रहीं संचालन
महानगर की देवप्रिया उक्सा सामुदायिक रसोई में जरुरतमंदों के लिए खाने के पैकेट तैयार करा रही हैं। रोटरी क्लब के बैनर तले चल रही रसोई में रोज 400 पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। देवप्रिया रोज सुबह 10 बजे यहां पहुंच जाती हैं। उनकी देखरेख में पूरी साफ-सफाई से यहां खाने के पैकेट तैयार किए जाते हैं। वह कहती हैं कि इस काम में उनको इनरव्हील क्लब वीरांगना की महिलाओं का भी सहयोग भी मिल रहा है। जबकि रोटरी क्लब के लोग भी मदद के लिए आते हैं। कंट्रोल रूम से फोन आने के बाद वह जरुरतमंदों के लिए खाने के पैकेट भिजवाती हैं।
मास्क बनाकर कर रहीं जनसेवा
कोरोना से बचने के लिए सबसे जरूरी मास्क की मांग भी जोरों पर है। हर कोई मास्क नहीं खरीद सकता। इसके लिए हरिकिशन डिग्री कॉलेज के पास निवासी कीर्ति सोनी अपने सहेलियों के साथ मास्क बना रही हैं। वह घर पर कपड़े से मास्क बनाकर लोगों को बंटवा रही हैं। वह बताती हैं कि अब तक 200 मास्क बना चुकी हैं। इन मास्क को लायंस क्लब झांसी युवराज के जरिए वितरित किया जा रहा है। सिलाई की हुनरमंद कीर्ति का कहना है कि इससे जनसेवा भी हो रही है और हुनर में भी निखार आ रहा है।
कहती हैं महिलाएं
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.