इनसे सीखें
रेलू वसवे को जब बतौर आंगनबाड़ी कर्मी नंदुरबार जिले के एक आदिवासी गांव में तैनाती मिली, तो कई लोगों ने उन्हें नौकरी छोड़ने की सलाह दी। लेकिन अपनी जिम्मेदारी का एहसास होने के चलते उन्होंने ऐसा करने से इंकार किया और अपने इसी काम के जरिए उन्होंने लोगों को जागरूक करना शुरू किया। उन तक पहुंचने के लिए गांव चलाना भी सीखा।