अपराजिता चेंजमेकर्स
- स्कूल में पढ़ाने के साथ दोनों खेलों में नेशनल स्तर पर पहुंची हैं नीतू
- शूटिंग उनका मुख्य गेम, व्हीलचेयर बास्केटबाल भी खेलती हैं
गाजियाबाद। दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और मन में लगन हो तो हर सपना पूरा किया जा सकता है। यह साबित कर दिया है डूंडाहेड़ा की रहने वाली नीतू ने। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर काफी कम उम्र में एक मुकाम हासिल किया है। बचपन में पोलियो के बाद अपना पांव खो देने के बावजूद नीतू ने सपने देखने नहीं छोड़े। पढ़ाई करके सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षिका बनने के बाद ही नीतू तीन साल के अंदर व्हीलचेयर बास्केटबॉल टीम की कैप्टन बन गईं। इसके अलावा शूटिंग में भी वह राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई हैं। रजापुर ब्लाक की नेतागढ़ी प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षिका नीतू डूंडाहेड़ा से लगभग 30 किलोमीटर दूर तीन-चार सवारियां बदल कर पढ़ाने आती हैं। वहां से दो बजे के बाद स्कूल खत्म होते ही वह शूटिंग प्रैक्टिस के लिए राजनगर रैना शूटिंग एकेडमी में जाती हैं। हर रविवार को वह बास्केटबॉल की प्रैक्टिस करती हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एमए बीएड करने के बाद एलएलबी भी की। नीतू ने बताया कि 2015 में अपनी एक दोस्त के साथ दिल्ली में बास्केटबॉल का मैच देखने गई थीं। वहीं पता चला कि स्पेशल कैटेगरी के भी मैच होते हैं। इसके बाद गाजियाबाद के ही एक कोच मिले, जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया। 2016 में बास्केटबाल की प्रैक्टिस करने लगीं और उसके बाद नेशनल भी खेला। उन्होंने बताया कि वह अभी व्हीलचेयर बास्केटबॉल टीम की कैप्टन हैं। उन्होंने व्हीलचेयर बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से हैदराबाद में मैच खेला था, जिसमें 14 स्टेट के खिलाडिय़ों ने भाग लिया था। इसमें गर्ल्स टीम की पांचवीं रैंक आई थी। इसके बाद अब उनका शूटिंग में ज्यादा मन लगता है। इसलिए उसकी ही प्रैक्टिस करती हैं। 2017 में उन्होंने राजनगर के एकेडमी में प्रैक्टिस करनी शुरू की थी और अब उनका नेशनल गेम में चयन हो गया है। अक्टूबर में मैच होगा। बस स्कूल काफी दूर है अगर किसी पास के स्कूल में ट्रांसफर हो जाएगा तो प्रैक्टिस का अधिक समय मिल सकता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.