अमेरिकी नौसेना की कैप्टन एमी बॉर्नश्मिट को परमाणु विमान वाहक पोत की कमांडर बनाया गया है। वह दुनिया की पहली महिला हैं जिन्हें सैन्य मोर्चे की अग्रिम पंक्ति में इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
नई दिल्ली। आज महिलाएं हर मोर्चे पर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान के साथ महिलाएं अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी अग्रिम मोर्चों पर तैनात होकर दुश्मन से दो-दो हाथ कर रही हैं। सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने के साथ ही उनका वर्चस्व और जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं। राष्ट्र के सेना प्रमुख भी महिलाओं की काबिलियत पर भरोसा कर रहे हैं। 22 अगस्त को भी नारी शक्ति पर भरोसा जताते हुए अमेरिका ने एक महिला सैन्य अफसर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अमेरिकी नौसेना की कैप्टन एमी बॉर्नश्मिट को परमाणु विमान वाहक पोत की कमांडर बनाया गया है। वह दुनिया की पहली महिला हैं, सैन्य मोर्चे की अग्रिम पंक्ति में इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
‘अब्राहम लिंकन’ का संभाल रहीं कार्यभार
अमेरिकी नौसेना की कैप्टन एमी बॉर्नश्मिट ने परमाणु विमान वाहक पोत की पहली महिला कमांडर बनकर इतिहास रच दिया। बॉर्नश्मिट ने अमेरिकी नौसेना के सबसे बड़े युद्धपोतों में से एक ‘अब्राहम लिंकन’ का कार्यभार संभाला है। वह दुनिया की पहली महिला भी हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी मिली है। वह इससे काफी खुश हैं। युनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य की एमी बॉर्नश्मिट ने 2016 और 2019 के बीच लिंकन के कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम किया था। यह भी एक महिला अधिकारी के तौर पर उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि थी। अमेरिकी नौसेना की वेबसाइट के मुताबिक बॉर्नश्मिट परिवहन डॉक यूएसएस सैन डिएगो और हेलिकॉप्टर मैरीटाइम स्ट्राइक स्क्वाड्रन (एचएसएम) 70 की भी कमान संभाल चुकी हैं।
भरोसे के लिए यूएस के लोगों का जताया आभार
यूएस नेवी साइट पर उपलब्ध बॉर्नश्मिट के एक बयान में कहा गया है कि इससे अधिक जिम्मेदारी की विनम्र भावना क्या हो सकती है कि आपको उन लोगों की देखभाल सौंपी गई है, जिन्होंने हमें राष्ट्र की रक्षा के लिए चुना है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.