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बच्चों की खातिर छोड़ा गांव, मजदूरी कर दिला रहीं अच्छी तालीम

Published - Wed 27, Mar 2019

अपराजिता चेंज मेकर्स

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पाटी (चंपावत)। कर्म करो बस तुम अपना लोग उसे जानेंगे ही, आज नहीं तो कल ही सही लोग तुम्हें हचानेंगे ही...। इसी वाक्य के सहारे 21 वर्ष की आयु में बेवा हुई अनीता अपने बच्चों को अक्सर प्रेरित करती हैं। आज से 16 साल पहले 2003 में पति सतीश चंद्र का निधन हो गया था। अनीता को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके दो मासूम बच्चों का भविष्य अब क्या होगा। प्रतिकूल हालात में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बच्चों की पढ़ाई की खातिर पाटी विकासखंड के दूरस्थ गांव बेतलाड़ को छोड़कर अनीता 80 किलोमीटर दूर पाटी में किराये पर रहने आ गईं। यहां कमाई के लिए मजदूरी का काम शुरू किया। अनीता एक-एक पैसा जोड़कर न केवल बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हैं बल्कि अपने लिए उन्होंने एक मकान भी बना लिया है। अनीता का बड़ा बेटा चंपावत जवाहर नवोदय विद्यालय में ग्यारहवीं में पढ़ रहा है। जबकि छोटा बेटा पाटी के एक अच्छे स्कूल में आठवीं में पढ़ रहा है। अनीता का कहना है कि उसका सपना बच्चों को पढ़ा कर कामयाब बनाना है। पाटी निवासी डॉ. घनश्याम शर्मा का कहना है कि अनीता न केवल खुद आगे बढ़ रही है बल्कि दूसरों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा, हिम्मत दे रही है।