'जीतने वाला कोई अलग काम नहीं करता, वो हर काम को अलग तरीके से करता है'...ये शब्द हैं आगरा की दिव्यांग शिक्षिका हिमानी बुंदेला के, जो देखने में परेशानी के बावजूद कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बैठने और एक करोड़ रुपये जीतने में सफल रहीं। 15 साल की उम्र में एक हादसे में अपनी आंखों की रोशनी गंवाने के बावजूद हिमानी ने कभी हार नहीं मानी और पहले बीएड कर शिक्षिका बनीं और अब केबीसी में करोड़पति बन एक मिसाल पेश की है।
नई दिल्ली। टेलीविजन के मशहूर क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति' का 13वां सीजन शुरू हो चुका है। हर साल की तरह इस बार भी हजारों लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें जो भाग्यशाली हैं, उसको हॉट सीट पर बैठने के लिए फोन आने शुरू हो गए हैं। कार्यक्रम को शुरू हुए अभी दो सप्ताह भी नहीं बीते हैं और इस सीजन का पहला करोड़पति मिल गया है। उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वालीं हिमानी बुंदेला केबीसी सीजन 13 की पहली करोड़पति बन गई हैं। उनके एपिसोड का प्रसारण 30-31 अगस्त को सोनी टीवी पर किया गया। ताजनगरी आगरा के राजापुर चुंगी की रहने वालीं हिमानी बुंदेला दिव्यांग हैं। उन्हें देखने में दिक्कत है। इस परेशानी के बावजूद उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत के दम पर कदम दर कदम सफलता की इबारत लिखती गईं। हिमानी ने आज से तकरीबन 10 साल पहले ठाना था कि वो महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठेंगी और अपने ज्ञान की बदौलत करोड़पति बनेंगी। उनका ये सपना अब पूरा हो चुका है।
महज 9 साल की उम्र से हैं केबीसी की फैन
हिमानी बुंदेला को बचपन से ही टीवी देखना पसंद है। वह 9 साल की उम्र से ही अमिताभ बच्चन के शो 'कौन बनेगा करोड़पति' की फैन रही हैं। वह अक्सर अपने दोस्तों से कहती थीं कि उनको अमिताभ बच्चन से मिलना है।
हादसे में खो दी आंखें, टूटा डॉक्टर बनने का सपना
हिमानी के पिता विजय बुंदेला ने बताया कि साल 2011 में जब हिमानी 15 वर्ष की थीं तो एक हादसे में उनकी आंखों की रोशनी चली गई। वह डॉक्टर बनने का सपना देखा करती थीं, लेकिन आंख की रोशनी जाने के बाद उनका यह सपना टूट गया, लेकिन वह नहीं टूटीं। परिजनों के साथ ने हिम्मत बढ़ाई। ग्रेजुएशन और इसके बाद बीएड करने के बाद केंद्रीय विद्यालय में बतौर टीचर सलेक्शन हो गया।
बिग बी को सिखाई मैथ्स की ट्रिक्स
'कौन बनेगा करोड़पति' शो में हिस्सा लेने के दौरान हिमानी बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को मेंटल मैथ्स की कुछ ट्रिक्स सिखाती भी नजर आएंगी। उत्साही स्वभाव की हिमानी प्राइमरी स्कूल के छात्रों के लिए गणित की कक्षाओं को मजेदार बनाने में जुटी रहती हैं। वह मेंटल मैथ्स (अबेकस) को ‘मैथ्स मैजिक’ कहकर सीखने का अनुभव खास बना देती हैं।
बच्चों की हौसलाअफजाई में जुटीं
हादसे के बाद हिमानी के कई ऑपरेशन हुए, लेकिन डॉक्टर उनकी आंखों की रोशनी नहीं लौटा सके। एक दर्दनाक अनुभव का सामना करने के बावजूद हिमानी ने अपनी हिम्मत को नहीं टूटने दिया और अपनी जिंदगी, अपने जुनून के लिए समर्पित कर दी। वो बच्चों को इस बारे में जागरूक बना रही हैं कि विशेष जरूरत वाले लोगों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। हिमानी खुश रहने और खुशियां फैलाने में दृढ़ विश्वास रखती हैं। हिमानी ने कहा, यूं तो जिंदगी सब काट लेते हैं यहां, मगर जिंदगी जियो ऐसे कि मिसाल बन जाए।
इनाम के पैसे से दिव्यांग बच्चों के लिए खोलेंगी कोचिंग
हिमानी के मुताबिक, विशेष जरूरत वाले बहुत से विद्यार्थियों को स्कूलों और कॉलेजों में तो एडमिशन मिल जाता है, लेकिन सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई कोचिंग नहीं हैं, जो किसी भी प्रकार के दिव्यांग छात्रों को प्रवेश देती हैं। मैंने जो पैसा जीता है, उससे मैं एक कोचिंग अकादमी खोलना चाहती हूं, जो ‘दिव्यांग’ बच्चों को सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित करेगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.