अपराजिता गर्व
यूपीएससी परीक्षा में महिलाओं में टॉपर बनीं सृष्टि
बचपन से सपना था कि आईएएस बनूं। शुक्रवार के आए रिजल्ट ने उस सपने को सच कर दिया। इस सपने को पूरा करने के लिए मैं भी पूरी मेहनत के साथ जुटी थी। अब मैं परिवार में पहली लड़की हूं, जो आईएएस बनूंगी। यह कहना है भोपाल की रहने वाली सृष्टि जयंत देशमुख का। सृष्टि यूपीएससी टॉपर लिस्ट में पांचवें स्थान पर रहीं। वहीं, महिलाओं की टॉपर लिस्ट में वह पहले स्थान पर हैं। सृष्टि ने 2018 में भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। इसके बाद उन्होंने भोपाल से ही एक साल यूपीएससी की तैयारी की। तैयारी के एक साल बाद ही उन्हें सफलता मिल गई। सृष्टि ने बताया कि उन्होंने यह तय कर लिया था कि उनका पहला चांस ही लास्ट चांस है, और इसी सोच और प्रतिज्ञा के साथ उन्होंने तैयारी की और सफलता हासिल कर ली। सृष्टि के पिता जयंत देशमुख पेशे से इंजीनियर हैं, उनकी मां सुनीता शिक्षिका हैं।
सक्सेस मंत्र : खुद पर रखें भरोसा
सृष्टि ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा एक लंबा सफर है, जहां आपको एक से डेढ़ साल तक इसके लिए प्रतिबद्ध होना पड़ता है। इस सफर में मेरे माता-पिता, दोस्त और शिक्षकों ने पूरा सहयोग दिया। इसलिए मेरी सफलता का पूरा श्रेय इन्हीं सब को जाता है। उन्होंने बताया कि खुद पर भरोसा और आत्मविश्वास आपके सभी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करते हैं। इसलिए खुद पर हमेशा भरोसा रखें।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.