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मनु से ओलंपिक मेडल की उम्मीद

Published - Tue 12, Mar 2019

अपराजिता मैदान की महारथी

aparajita maidaan ki maharathi Manu Bhakeraparajita maidaan ki maharathi Manu Bhaker

फरवरी के तीसरे हफ्ते में देश में खेलों की सबसे बड़ी सरकारी एजेंसी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सीबीएसई से निवेदन किया कि दो खिलाडिय़ों की परीक्षा तारीखों को फिर से निर्धारित करे। इनमें 16 साल की पिस्टल शूटर मानू भाकर भी शामिल थीं जो एशियाई एअरगन चैंपियनशिप में शामिल होने जा रही थीं। इस निवेदन से समझा जा सकता है कि मानू को भविष्य की मेडल विजेता शूटर के रूप में देखा जा रहा है। मानू 2018 में इंटरनेशनल शूटिंग स्पोट्र्स फेडरेशन की चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं। ऐसा करने वाली वे देश की सबसे कम उम्र की शूटर हैं। वहीं, अपने पहले कॉमनवेल्थ खेलों में भी उन्होंने 10 मीटर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है। झज्जर के गोरिया गांव में जन्मी मानू के पिता रामकिशन भाकर मर्चेंट नेवी में हैं। 2017 के नेशनल गेम्स में उन्होंने वर्ल्ड कप पदक विजेता हीना संधू को मात देते हुए फाइनल स्कोर में उनका रिकॉर्ड भी तोड़ा।

लड़कियों को प्रेरित करने की जरूरत
मानू बताते हैं कि खेलों से लेकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कई बार महिलाएं भी महिलाओं के लिए बाधा बनने लगती हैं। यह सोच खत्म करने की जरूरत है, बल्कि उन्हें प्रेरित करने की जरूरत है। वे अपने क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहती हैं कि यहां खेल में पारदर्शिता है, जिसके जिसकी वजह से भारतीय लड़कियां कोई बाधा महसूस नहीं कर रहीं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।

 'हमने तो यही सीखा कि हालात कैसे भी क्यों न हो, घबराना नहीं चाहिए। लड़िकयों को दोहरी मेहनत करनी पड़ती है।'
मानू भाकर, शूटर