स्टार्टअप की दुनिया की नई महारथी
अंकिति बोस ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कॅरिअर को छोड़ा और 2014 के दिसंबर में सिंगापुर में एक स्टार्टअप बनाया, जिसमें दक्षिण-पूर्वी देशों के छोटे कारोबारी अपने उत्पादों को ऑनलाइन आकर बेच सकते थे। यह स्टार्टअप आज करीब सात हजार करोड़ कीमत का हो चुका है। अंकिति आज एशिया की सबसे बड़े स्टार्टअप की चीफ एग्जीक्यूटिव कहलाती हैं। दुनिया में इस आकार के केवल 239 स्टार्टअप हैं, जिनमें से 23 की संस्थापक कोई महिला है। उनका स्टार्टअप जिसे जीलिंगो नाम से जाना जाता है, बीते केवल एक वर्ष में करीब 12 गुना बढ़ चुका है।
दुनियाभर में मिली पहचान
उन्होंने अपने मित्र और इस कंपनी में चीफ तकनीकी अधिकारी ध्रुव कपूर के साथ मिलकर सब इस प्रकार किया कि छोटे कारोबारियों को उनके उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाने का माध्यम बने। हजारों उत्पादक, जिनकी पहुंच में ई-कॉमर्स तकनीक नहीं थी, आज उनके स्टार्टअप के जरिए दुनिया भर में पहचान बना रहे हैं। यह स्टार्टअप छोटे कारोबारियों के लिए पूंजी जुटाने का भी काम कर रहा है। 27 साल की अंकिति के पिता चूंकि एक तेल कंपनी में कार्यरत थे, वे देश के विभिन्न हिस्सों में रहने और संस्कृतियों की स्वीकार्यता का अनुभव ले चुकी हैं, उनके अनुसार यह अनुभव दक्षिण एशियाई देशों में काम करने के दौरान मददगार बना है।
'नई सोच को अंजाम देने में डर कैसा, एक विचार आया तो इंतजार न करें। बस उसे हकीकत में बदल डालिए'
अंकिति बोस : सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सिंगापुर
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.