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अनमोल ने चेहरा खोया लेकिन हिम्मत नहीं

Published - Sun 22, Sep 2019

अनमोल एक एक लड़की हैं, जिनका चेहरा तेजाब से जल चुका है, लेकिन फिर भी वो आम लड़कियों के प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। वो एसिड अटैक सर्वावर के लिए भी काम कर रही हैं

मुंबई। फैशन एंड लॉन्जरी ब्रांड क्लोविया के एक एड में नजर आ चुकी एसिड अटैक सर्वावर अनमोल रोड्रिगेज की कहानी कुछ ऐसी है कि जो भी सुने सोचने पर मजबूर हो जाए। बचपन में पिता द्वारा चेहरा जला देने के बाद भी इस हिम्मती लड़की ने न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि आज की पीड़ित युवतियों के लिए वो एक मार्गदर्शक भी हैं।
अनमोल ने बचपन से ही जीवन में दुख भोगे। जब वो मात्र दो माह की थीं, तो उनके पिता ने उनकी मां पर एसिड फेंक दिया। इस हादसे में मां की मौत हो गई, लेकिन अनमोल बच गईं। अनमोल का चेहरा पूरी तरह झुलस गया। पिता को इस मामले में जेल हो गई और इधर अनमोल को इलाज के लिए पांच साल तक अस्पताल में रहना पड़ा। अनमोल को अपनाने की कोशिश न परिवारवालों ने की और न ही उनका बाहरी दुनिया में कोई था। अस्पताल नर्स और स्टॉफ ने भी लंबे समय तक उनका साथ दिया। ठीक होने पर उन्हें एक अनाथालय में सौंप दिया गया। यहां अनमोल ने शिक्षा ग्रहण की। स्कूल खत्म होने के बाद वह कॉलेज पहुंची, तो चीजें एकदम बदल गई। उनके साथ भेदभाव होने लगा। उनका कोई दोस्त भी नहीं था। पर उन्होंने हौंसला नहीं छोड़ा। जब अनाथालय के अधिकारियों को मेरे रिजल्ट्स मिले, तो वे बहुत आश्चर्यचकित थे क्योंकि मैं अकैडमिक्स में बहुत अच्छी थी और हमेशा अपने क्लास में टॉप रहती थी। अनाथालय ने एक ट्यूटर को हायर किया, जिसने न केवल अनमोल को अकैडमिक्स पढ़ाई, बल्कि उन्हें यह एहसास दिलाया कि उन्हें अपने जीवन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए बजाय इसके कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं। अनमोल ने अपना बैचलर कंप्यूटर एप्लीकेशन्स में पूरा किया। जिसके बाद उन्हें एक निजी कंपनी में जॉब भी मिल गई। वह जीवन में अभी और संघर्ष करना लिखा था। ऑफिस में लोग उनका अपमान करने लगे और एक दिन उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। अनमोल ने दूसरी नौकरी पाने की बहुत कोशिश की। इस दौरान, उन्होंने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइन अप किया और अपनी तस्वीरों को पोस्ट करना शुरू कर दिया, खासकर फेसबुक पर। चूंकि उनकी उम्र 18 साल पूरी हो चुकी थी, तो वह अनाथालय में भी नहीं रह सकती थीं। उन्होंने एक किराये का कमरा लिया। एक साल के बाद, एक एनजीओ के साथ नौकरी मिल गई लेकिन जिस महिला ने उन्हें रेफर किया था वह 15,000 रुपये की सैलरी में से 5,000 रुपये काट रही थी। ऑफिस वर्क की तलाश करते-करते अनामिका थक गईं थी और कैमरा, एक्टिंग, या मॉडलिंग करना चाहती थी। इस काम में उनके एक दोस्त ने मदद की। उन्होंने एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए एक एनजीओ शुरू किया। लेकिन सहयोगियों से मतभेद के करना उन्हें इसे भी छोड़ना पड़ा। आज, वह किनीर नामक एक संगठन के लिए काम करती हैं जो समलैंगिकों अधिकारों की दिशा में काम करता है। क्लोविया के साथ उनका कैंपन उनके लिए वो एक कदम है जो वह अपने जीवन सेचाहती हैं। कई ब्रांडों ने सोशल मीडिया पर अनमोल की उपस्थिति पर ध्यान दिया है और इसका नतीजा ये निकला है कि कुछ ने उन्हें अपने ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए भी साइन किया है। अनमोल क्लोविया की हाल ही में लॉन्च की गई नाइटवियर का चेहरा हैं, जिसके साथ ब्रांड ने एक कोट-प्रिंटकिया है "यह आधुनिक भारतीय महिला को उसके वास्तविक स्व को मुक्त करने के लिए प्रेरित करती है"। अनमोल आत्मविश्वास और गरिमा के साथजीवन व्यतीत करती हैं और आशा है कि एक दिन लोग उन्हें बतौर एक्टर पहचान देंगे। वे कहती हैं, "मुझे उम्मीद है कि लोगों की मानसिकता बदजाएगी और मैं 70 मिमी स्क्रीन पर खुद को देख सकूंगी।"