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बिहार की बेटी ने पोलैंड में बढ़ाया देश का नाम

Published - Wed 25, Sep 2019

आकांक्षा नेहा ने पोलैंड के राष्ट्रपति निवास में रखी रिकॉर्ड बुक में अपना हस्ताक्षर बनाया है। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली युवती बनीं हैं। आपको यह पढ़कर लग रहा होगा कि आखिर इसमें कौन सी उपलब्धि है, तो यह जानना जरूरी है कि ऐसा करने के लिए पोलैंड के बिजनेस लॉ कॉलेज में तकरीबन 90 फीसदी अंक लाने पड़ते हैं। अकांक्षा नेहा ने 90 फीसदी अंक हासिल कर पूरे पोलैंड में पहला स्थान हासिल किया है।

बिहार। कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। कुछ ऐसा की जज्बा दिखाया बिहार के सहरसा जिले की रहने वाली अकांक्षा नेहा ने। उनकी इस कामयाबी से न केवल जिले के लोग, बल्कि पूरे प्रदेश के लोग काफी खुश हैं।  दरअसल, आकांक्षा नेहा ने पोलैंड के राष्ट्रपति निवास में रखी रिकॉर्ड बुक में अपना हस्ताक्षर बनाया है। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली युवती बनीं हैं। आपको यह पढ़कर लग रहा होगा कि आखिर इसमें कौन सी उपलब्धि है, तो यह जानना जरूरी है कि ऐसा करने के लिए पोलैंड के बिजनेस लॉ कॉलेज में तकरीबन 90 फीसदी अंक लाने पड़ते हैं। अकांक्षा नेहा ने 90 फीसदी अंक हासिल कर पूरे पोलैंड में पहला स्थान हासिल किया है। जिस कारण उन्हें राष्ट्रपति निवास में रखी रिकार्ड बुक में हस्ताक्षर करने का मौका मिला।

बैंकर के तौर पर कर रहीं हैं नौकरी
 सहरसा में रहने वाले प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह और प्रोफेसर रीना सिंह की बेटी आकांक्षा नेहा ने यह उपलब्धि हासिल कर न केवल अपने माता-पिता, बल्कि पोलैंड में भारत का मान भी बढ़ाया है। आकांक्षा नेहा ने 10वीं तक की पढ़ाई सीबीएसई बोर्ड से सहरसा के संत जेवियर्स स्कूल से की। फिर टेन प्लस टू जमशेदपुर से और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से कॉरपोरेट इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उसने मद्रास से ही जीमैट की परीक्षा पास कर लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए फाइनेंस में डिग्री हासिल की। एमबीए पूरा करते ही आकांक्षा नेहा को वारसॉ के सिटी बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर नौकरी मिल गई।

इंद्रा नुई और चंद्रा गोचर को मानती हैं आदर्श
आकांक्षा ने काम करते हुए निसिनजकर स्कूल ऑफ एजुकेशन और एडमिनिस्ट्रेशन संस्थान से एमए बिजनेस लॉ में 90 फीसदी अंक लाकर सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। इस प्रतिष्ठित कोर्स में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के इनाम के तौर पर उन्हें पोलैंड के राष्ट्रपति निवास में रखी रिकॉर्ड बुक में अपना हस्ताक्षर बनकने का मौका मिला। यह हस्ताक्षर दस्तावेज की तरह दशकों तक संग्रहित रखा जाएगा। रिकॉर्ड बुक को 1918 के नाम से संग्रहित कर के रखा गया है। आकांक्षा नेहा ने उस रिकॉर्ड बुक में अपने नाम के साथ स्पष्ट रूप से सहरसा, बिहार, इंडिया लिखा है। आकांशा नेहा पेप्सिकों की सीईओ इंद्रा नुई और आईसीसीआई बैंक की चंद्रा गोचर को अपना आदर्श मानती है। आगे न्यू बैंकिंग सिस्टम को अपने नेतृव में विकसित करने का उसका संकल्प है।