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अलीगढ़ की वनिता गुप्ता को अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति ने सौंपा अहम पद

Published - Sat 09, Jan 2021

अलीगढ़ की बेटी वनिता गुप्ता अमेरिका में सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से वकील के रूप में लोगों के न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं। उनके इन कामों और जज्बों से प्रभावित होकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है। वनिता पहली अश्वेत सहायक अटार्नी जनरल के पद पर नामित हुई हैं। 

vanita gupta

भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका की पहली उपराष्ट्रपति बनी हैं। भारत के लिए तो पहले से ही यह हर्ष की बात है और अब एक और भारत की बेटी ने अमेरिका की नई सरकार में एक महत्वपूर्ण पद पाकर देशवासियों को एक बार और गर्व करने का मौका दिया है। अमेरिका के नवर्निवाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की टीम में पहली अश्वेत सहायक अटार्नी जनरल के तौर पर नामित होने वाली वकील वनिता गुप्ता अलीगढ़ की बेटी हैं। उन्हें अपनी टीम में शामिल करते हुए जो बाइडन ने कहा, "वनिता गुप्ता अमेरिका की सबसे सम्मानित मानवाधिकार वकीलों में से एक और भारत से आए अप्रवासियों की गर्व से भरी बेटी हैं।" अगर सीनेट पुष्टि करती है तो 46 साल की गुप्ता इस पद को संभालने वालीं पहली अश्वेत महिला होंगी। डेलावेयर के विलमिंगटन में मीडिया से बात करते हुए जो बाइडन ने कहा, "जस्टिस डिपार्टमेंट में तीसरे नंबर की पोजीशन एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के पद पर मैं वनिता गुप्ता को नामित करता हूं।"

यूं आई थीं सुर्खियों में...
वनिता गुप्ता सुर्खियों में तब आईं थीं, जब उन्होंने लॉ स्कूल से सीधे निकलकर 38 लोगों की रिहाई में जीत हासिल की थी। इनमें से अधिकांश अफ्रीकी अमेरिकी थे, उन्हें टेक्सस के एक कस्बे में ड्रग के आरोपों में गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था। इसके साथ ही वनिता ने उन्हें मुआवजे के तौर पर 60 लाख डॉलर भी दिलाए थे। उन दिनों वह एनएएसीपी (नेशनल एसोसिएशन ऑफ कलर्ड पीपल) के लीगल डिफेंस फंड के लिए काम कर रही थीं। वनिता ने शीर्ष मानवाधिकार संगठन अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन के लिए एक स्टाफ वकील के रूप में भी काम किया, जहां उन्होंने अप्रवासियों और सामूहिक गिरफ्तारियों के शिकार लोगों के कई मामले उठाए। उनकी जीत में एक ऐतिहासिक मामला भी शामिल था, जिसमें निजी तौर पर इमिग्रेशन जेलों में बंद बच्चों के लिए सेटलमेंट किया गया था। वनिता अब लीडरशिप कॉन्फ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमन राइट्स की अध्यक्ष और सीईओ हैं। ये संगठन 200 से अधिक मानवाधिकार संगठनों का गठबंधन है।

ओबामा ने भी अपनी टीम में किया था शामिल
वनिता अमेरिका में लंबे समय से वकालत कर रही हैं। वह अमेरिका की सम्मानित मानवाधिकार वकीलों में से हैं और अमेरिकी सिविल लिबर्टी यूनियन की सर्वोच्च वकील हैं। वह मानव अधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में लोगों को न्याय दिलाने के लिए अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं, जिसके चलते अमेरिका में आने वाली अन्य सरकारों ने भी उन्हें अपनी टीम में शामिल कर अहम जिम्मेदारियां दीं। इससे पहले वनिता को बराक ओबामा ने भी अपनी टीम में शामिल किया था। ओबामा सरकार ने वनिता को प्रिंसिपल डेप्युटी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल की जिम्मेदारी थी। इसके साथ ही वह यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के सिविल राइट्स डिवीजन की हेड भी रही हैं।

1968 में माता-पिता आए थे अमेरिका
वनिता के माता-पिता अपनी शादी के लगभग एक हफ्ते बाद 1968 में अमेरिका आ गए थे। वनिता का जन्म 1975 में हुआ और उन्होंने ग्रेजुएशन येल यूनिवर्सिटी से की। उन्होंने लॉ न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से 2001 में किया। बाद में वनिता ने इस यूनिवर्सिटी में कई साल सिविल राइट्स लिटिगेशन क्लिनिक भी पढ़ाया। वनिता के पिता एक बिजनेसमैन थे। वे मैन्युफेक्चरिंग कंपनी रोहम एंउ हास के सीईओ और चेयरमैन हैं। पिता के काम की वजह से वनिता का ज्यादातर बचपन फ्रांस और लंदन में बीता।

दो बेटे हैं
वनिता की शादी डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की लीगल ऐड सोसाइटी के लीगल डायरेक्टर चिंह क्यू ली से हुई और उनके दो बेटे हैं।

कोठीवाल परिवार से है नाता
वनिता का संबंध अलीगढ़ के महावीरगंज के कोठीवाल परिवार से है। वनिता के दादा फूल प्रकाश उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता रह चुके हैं। इनका परिवार अलीगढ़ के महावीर गंज में मौजूद मशहूर दाऊजी मंदिर का ट्रस्टी भी है।

अलीगढ़ में परिवार ने मनाई खुशियां
वनिता को अमेरिका में यह महत्वपूर्ण पद मिलने के बाद अलीगढ़ में उनके परिवार में जमकर खुशियां मनाई जा रही हैं। जैसे ही अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन ने वनीता को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी, उसके बाद महावीर गंज इलाके में हर्ष की लहर दौड़ गई। परिवारीजनों के साथ ही हर किसी का कहना है कि अलीगढ़ की बेटी ने अमेरिका में देश के साथ ही ताला और तालीम की नगरी, अलीगढ़ का नाम भी रोशन किया है। वनिता का ननिहाल भी अलीगढ़ के मानिक चौक में है। उनके ननिहाल में भी खुशियों की लहर है।